Tuesday, February 3, 2009

बच्चे मन के सच्चे

नमस्कार बच्चो
बच्चे मन के सच्चे ,यह सदाबहार गीत हम तब से सुनते आ रहे है ,जब हम बहुत छोटे थे ,बिल्कुल आप जैसे आज भी यह गीत उतना ही मधुर लगता है जितना तब लगता था , आज बहुत देर बाद यह गीत फ़िर से सुना तो अपने बचपन की यादें ताज़ा हो आई ,तो सोचा आपको भी क्यों न यह प्यारा सा गीत सुनाया जाए


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8 पाठकों का कहना है :

neelam का कहना है कि -

सीमा जी ,सुबह सुबह इतना बढ़िया तोहफा बच्चों
को ,हमने भी भरपूर मजा लिया |एक गाना बहुत
दिनों से देखना चाहता थे
"मास्टर जी की आ गई चिट्ठी " किताब फ़िल्म से वो भी देखने को मिल गया बहुत .बहुत मजा आया ,हम ताली बजा रहे हैं ,सच्ची में बहुत मजा आया हमे ,धन्यवाद
धिन तकताका धूम ,धिन तकताका धूम आज तो बस यही गाना घूमता रहेगा ,आप सभी लोग सुनिए ,और पहुँच जाएँ अपने बचपन में |

manu का कहना है कि -

chhoti si nitu singh...do choti waali ....kitaa achha lag rahaa hai........

politics se hatkar kitni suhaani hoti hai bachchon ki duniyaa..

Anonymous का कहना है कि -

seema aunty aapne bahut acchi vedio dikhayi , thank you!

सीमा सचदेव का कहना है कि -

पाखी बेटा बहुत धन्यवाद | आजतक की सभी
टिप्पणियों में से आपकी प्रतिक्रिया देखकर
मुझे बहुत अच्छा लगा | आपने यह विडियो देखा
तो निश्चय ही आप बाल-उद्यान की निअमित पाठिका होंगी | शायद आप वही पाखी है न नीलम जी की उम्मीद | बालउद्यान पर किसी एक बच्चे की प्रतिक्रिया देखकर लगता है ,हमारी मेहनत का फल मिल गया | खूब मन लगा के पढ़ना और हमारी तरफ़ से ढेरों आशीष और शुभकामनाएं |

Anonymous का कहना है कि -

सीमा जी आप को जान के आश्चर्य होगा की मेरा बेटा जो अभी २ साल का है उस का ये बहुत ही पसंदीदा गाना है कहता है बच्चे सच्चे लगाओ .उस को बताया की से सीमा आंटी ने भेजा है तो कहता है थैंक यू आंटी

रचना

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

बचपन याद दिला दिया आपने सीमा जी...
इस दुनिया में शायद ही कोई होगा जिसे बचपन की याद न आती होगी...

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

बड़ा सलौना, नाजुक, प्यारा, सुन्दर, सा मन
भोला भाला नटखट सा होता है बचपन....

एक शाम मै छत पर बैठा था यूँ अकेला...
सहसा बचपन की यादों के आकर घेरा...
बोली जब से तरुण हुए हो भूल गये हो

मुझे मेरी ये कविता याद अनायास याद आ गयी इतना भाव-विव्हल वीडियों देखकर...
बहुत अच्छा लगा .. आपका बहुत बहुत धन्यवाद

सीमा सचदेव का कहना है कि -

रचना जी नन्हे-मुन्ने को ढेर सारा प्यार और शुभ कामनाएं |
मेरा बेटा जो तीन साल का है वो भी यही कहता है | सच में
बचपन कितना भोला ,प्यारा ,मासूम होता है न

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