Tuesday, January 1, 2008

ये नव वर्ष

बाल-उद्यान बच्चों की बात करता है, बच्चों से बात करता हैं, या यूँ कहें कि बच्चे बाल-उद्यान से बात करत हैं तो ज्यादा उपयुक्त होगा। बात है नव वर्ष की बधाई व शुभकामनाएँ देने की तो इस अवसर पर यदि बालकवि की ही नव वर्ष पर लिखी कविता पढ़ ली जाय तो इससे बेहतर और क्या होगा! इसलिए हम नववर्ष पर बालकवि राघव शर्मा की कविता लेकर आये हैं।

नव वर्ष


नए साल की खुशी मनाओ
उछालो कूदो धूम मचाओ
नया साल हैं आया रे
नई खुशियाँ हैं लाया रे

नए साल में सारे झूमो
नई जगहों पर तुम घूमो
नया साल हैं आया रे
नए सपने लाया रे

नए साल में खूब मस्ती करो
पर दूजो के दुःख भी हरो
नया साल हैं आया रे
नए वादे लाया रे

नए साल में खुशियाँ मनाओ
त्यौहारों को नए ढंग से मनाओ
आमिर-गरीब, दोस्त-दुश्मन
अपना हर बैर भूल कर
मिल-जुल कर सब धूम मचाओ

नव वर्ष के शुभ अवसर पर
नया साल मुबारक हो सब को
धूम मचाओ , गाने गावो
नव वर्ष तुम्हें मुबारक हो

कवि- राघव शर्मा।

बाल-उद्यान की ओर से सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएँ!


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9 पाठकों का कहना है :

Sajeev का कहना है कि -

बहुत बढ़िया राघव नव वर्ष की बधाई आपको भी

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

राघव,

तुम्हारी यह कविता बहुत अच्छी है, इसी तरह लिखते रहो। नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।

***राजीव रंजन प्रसाद

शोभा का कहना है कि -

राघव बेटा
बहुत सुन्दर लिखा है । नया वर्ष शुभ हो तथा आप अधिक उन्नति करें यही कामना है।

विश्व दीपक का कहना है कि -

नव वर्ष के शुभ अवसर पर
नया साल मुबारक हो सब को
धूम मचाओ , गाने गावो
नव वर्ष तुम्हें मुबारक हो

नव वर्ष तुम्हें भी मुबारक हो राघव। बड़ी-हीं प्यारी कविता लिखी है तुमने। इसी तरह लिखते रहो।

-विश्व दीपक

अभिषेक सागर का कहना है कि -

राघव जी,
बढिया रचना के लिये बहुत बहुत बधाई

Anonymous का कहना है कि -

राघव जी प्यारी रचना
बहुत बहुत बधाई
आलोक सिंह "साहिल"

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

बड़ी सलौनी कविता लिखी हैं..
बहुत बहुत शुभकामनाएं .. कविता के लिए भी और नूतन वर्ष की भी..

Alpana Verma का कहना है कि -

राघव तुम्हारी कविता अच्छी लगी मगर देखो-पहले तीन पद तक तुम्हारी कविता में प्रवाह दिखा- अगर उसी लय में सारी कविता कहते तो बहुत अच्छी बन पड़ती-
चौथे पद में पाँच पंक्तियाँ लिखीं तोडी कविता लड़खड़ा गयी-
और इस अन्तिम पद में '' --'नव वर्ष के शुभ अवसर पर
नया साल मुबारक हो सब को
धूम मचाओ , गाने गावो
नव वर्ष तुम्हें मुबारक हो
- तुमने एक ही बात को दो बार कह दिया है--- शब्दों के हेर फेर से इस को ठीक कर सकते हो---तुम में बहुत संभावनाएं हैं -लिखते रहो -तुम्हारी अगली कविता का इंतज़ार रहेगा.

डा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी का कहना है कि -

उछालो कूदो धूम मचाओ
राघव जी उछलो कूदोँ धूम मचाओ
हिन्द युग्म पर गीत सुनाओँ.

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