सीख
जल्दी सोना जल्दी उठना
सीख सदा याद तुम रखना
प्रात: उठ लो प्रभु का नाम
सभी बडों को करो प्रणाम्
माता- पिता की सेवा करना
गुरू अपने को शीश झुकाना
दीन- दुखी की  पीड़ा हरना
मीठी वाणी से जग अपना करना 
अहँ भाव को दूर भगाओ
पुस्तक लेकर पढ़ने जाओ
घर के सारे काज सँवारो
अपनी हिम्मत कभी ना हारो
अनजानों से बच के रहना
लालच कर धोखा मत खाना
कभी किसी से तुम मत लड़ना
बात बात पे नहीं रुठना
भाई- बहन से राखो प्यार
सीखो विद्या बनो उदार
बात ज्ञान की भूल न जाना
नेक राह पर बढ़ते जाना
अपना जीवन सफल बनाना
सुषमा गर्ग
15.01.08
 

-YAMINI.gif) आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं। क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं। बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ।
बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ। क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों? अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए। तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया। आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में। एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं। पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।


 बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
 
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10 पाठकों का कहना है :
सुषमा जी
बहुत सुन्दर -- कविता के माध्यम से सारी बातें सिखा दी आपने । बधाई स्वीकारें
बहुत सुंदर लगी आपकी यह कविता .बहुत सी बातें बताती हुई !!
"जीवन के मूल्यों को समझाती हुई एक अच्छी रचना "
Regards
सुषमा जी,
बहुत सुन्दर सीख दी कविता के माध्यम से..
कविता लिखी जो बच्चों के हित..
बच्चें अवश्य होंगें लाभांवित..
बिल्कुल सही सीख दे रही है आप की कविता,
ख़ास कर यह पंक्तियाँ जो आज के समय बच्चों को
अपनी सुरक्षा के लिए गाँठ बाँध लेनी चाहिये.
''अनजानों से बच के रहना
लालच कर धोखा मत खाना''
*कविता की हर पंक्ति में एक सीख है-
आशा है बच्चे समझेंगे और जीवन में इन्हें उतारेंगे.
सुषमा जी अच्छी रचना.
आलोक सिंह "साहिल"
सुषमा जी
बहुत अच्छी सीख के साथ साथ बहुत अच्छी कविता
बधाई
सुषमा जी सुंदर लिखा है..
सुषमा जी आप की कविता सराहनीय है ... बहुत खूब
सुनीता
सुषमा जी आप की कविता सराहनीय है ... बहुत खूब
सुनीता
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