Thursday, January 24, 2008

बाल सेना...

रोबिन स्वेता गुड्डू चिंटू अकरम शीतल यूनुस खान
इस टेबल पर बना है नक्शा मेरा भारत देश महान
आओ खेलें एक खेल हम अपने देश की रक्षा का
कभी तो हम पर भी आयेगा जिम्मा वतन सुरक्षा का
अपने अपने ज्योमैट्री के बॉक्स उठाकर लाओ सब
इस नक्शे की करें हिफाजत आओ अब जुट जाओ सब
अपने अपने लट्टू बाँधो दो-सुइया प्रकालों पर
नजर रखेगी ये रडार फिर आने जाने वालों पर
स्वेता कहाँ है गन-पिचकारी होली पर जो लायी थी
चिंटू तुम बन्दूक ले आओ चाचू ने दिलवाई थी
खाने वाली मीठी गोली कोई आज नही खायेगा
अगर सामने दुश्मन आये उस पर ही बरसायेगा
छील-छील कर आज पेंसिल हम बारूद बनायेंगे
बुरी नज़र से जो देखेगा उसको वही खिलायेंगे
अगर कोइ हमला बोलेगा उसको खूब खदेड़ेंगे
मगर जवानो सुनो गौर से पहले से नहीं छेड़ेंगे
अपनी अपनी कॉपी खोलो तम्बू यहीं लगायेंगे
लंच बॉक्स अब हाथ में ले लो खाना खाने जायेंगे
गुड्डू शीतल यहीं रहेंगे खेमे की रखवाली में
इनका खाना यहीं लगा दो दे दो एक ही थाली में
अपने अपने सभी खिलौने सीमा पर तैनात करें
दुश्मन को ना पता चले अब धीरे-धीरे बात करें
मेरे पास एक रोबॉट है उसको भी ले आता हूँ
रिमोट वाला एक टेंकर विक्की से मँगवाता हूँ
दुश्मन के दाँतों को खट्टा करेंगे इमली दानों से
कितनी दूर खड़ा है हमसे नापेंगे पैमानो से
जितने भी हैं पेन पेंसिल सब मिसाइल तैनात करें
रंगों की डिब्बी के आड से कुछ बंकर की बात करें
भारत माँ का प्यारा नक्शा अब नहीं बँटने वाला है
बच्चा बच्चा आज सिपाही माँ तेरा रखवाला है..

- जय हिन्द


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4 पाठकों का कहना है :

Alpana Verma का कहना है कि -

'भारत माँ का प्यारा नक्शा अब नहीं बँटने वाला है
बच्चा बच्चा आज सिपाही माँ तेरा रखवाला है..'
*बहुत जोश है कविता में और खेल खेल में देश प्रेम की बातें बच्चे सीख जायें और क्या चाहिये?
*आशा है यह कविता बच्चों को बहुत पसंद आएगी.

seema gupta का कहना है कि -

"बाल सेना पर लिखी ये कवीता बडी ही अच्छी बन पडी है, बच्चों की कोमल भावनाओ को बहुत प्यार से शब्दों मे पिरोया गया है ,और हास्य का पुट तो होना ही था हमेशा के तरेह"
Regards

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बहुत सुंदर संदेश देती है बाल सेना की बाल कविता ..पढ़ के जोश भर गया :)
सुंदर और मजेदार कविता लगी राघव जी यह आपकी !!

Anonymous का कहना है कि -

राघव जी जोश से भरी उर्जावान कविता
आलोक सिंह "साहिल"

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