सुनिए मैथिलीशरण गुप्त की कविता- माँ कह एक कहनी
बच्चो,
हमने इस बार एक अलग प्रयोग किया है। आपके लिए मैथिली शरण गुप्त की मशहूर बाल कविता 'माँ कह एक कहानी' का पॉडकास्ट दो आवाज़ों में लेकर आये हैं।
कविता में बच्चे वाले भाग को आवाज़ दी है पाखी मिश्रा ने और शेष कहानी कह रही हैं हमेशा की की तरह नीलम मिश्रा।
सुनें-
कविता पढ़ना चाहें तो ये रही-
"माँ कह एक कहानी।"
बेटा समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी?"
"कहती है मुझसे यह चेटी, तू मेरी नानी की बेटी
कह माँ कह लेटी ही लेटी, राजा था या रानी?
माँ कह एक कहानी।"
"तू है हठी, मानधन मेरे, सुन उपवन में बड़े सवेरे,
तात भ्रमण करते थे तेरे, जहाँ सुरभी मनमानी।"
"जहाँ सुरभी मनमानी! हाँ माँ यही कहानी।"
वर्ण वर्ण के फूल खिले थे, झलमल कर हिमबिंदु झिले थे,
हलके झोंके हिले मिले थे, लहराता था पानी।"
"लहराता था पानी, हाँ हाँ यही कहानी।"
"गाते थे खग कल कल स्वर से, सहसा एक हँस ऊपर से,
गिरा बिद्ध होकर खर शर से, हुई पक्षी की हानी।"
"हुई पक्षी की हानी? करुणा भरी कहानी!"
चौंक उन्होंने उसे उठाया, नया जन्म सा उसने पाया,
इतने में आखेटक आया, लक्ष सिद्धि का मानी।"
"लक्ष सिद्धि का मानी! कोमल कठिन कहानी।"
"माँगा उसने आहत पक्षी, तेरे तात किन्तु थे रक्षी,
तब उसने जो था खगभक्षी, हठ करने की ठानी।"
"हठ करने की ठानी! अब बढ़ चली कहानी।"
हुआ विवाद सदय निर्दय में, उभय आग्रही थे स्वविषय में,
गयी बात तब न्यायालय में, सुनी सब ने जानी।"
"सुनी सब ने जानी! व्यापक हुई कहानी।"
राहुल तू निर्णय कर इसका, न्याय पक्ष लेता है किसका?"
"माँ मेरी क्या बानी? मैं सुन रहा कहानी।
कोई निरपराध को मारे तो क्यों न उसे उबारे?
रक्षक पर भक्षक को वारे, न्याय दया का दानी।"
"न्याय दया का दानी! तूने गुणी कहानी।"
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10 पाठकों का कहना है :
वाह नीलम जी, बहुत बढ़िया प्रयास है। आनन्द आगया।
प्रयोग बहुत पसंद आया पाखी की आवाज़ बहुत बढ़िया है।
Neelamjee aapka yeh prayas sarahneey hai. Guptjee ki yeh kavita khud mein bemisaal hai, aur yadi ise awwaz aur sur me dhal diya jaye to sone pe suhage ki tareh ho jata hai. Aj ki duniyavi daur mein bachchon ko apne sanskar aur sankriti ka gyan aise prayason se hi sambhav hai. Apka koti koti sadhuvad!!!
आज तक बाल उद्यान पर सुनी सर्व श्रेष्ठ प्रस्तुति...दद्दा की रचना बाल कविता का आदर्श, कथ्य, कथानक, सन्देश, शब्द-चयन, लय हर दृष्टिकोण से आदर्श.. वाचकों में पाखी ने मन मोह लिया.. नीलम जी अंत में वाचन की गति कुछ तेज लगी...उच्चारण शुद्ध...सोने में सुहागा...साधुवाद..
(बहुत सुंदर,,,,,,,,,)
लिख तो दूं,,,कोई दिक्कत नहीं है,,,
पर इतनी तारीफे सुनकर सुनने का जी तो कर ही रहा है,,,
पहले एक बार आप लोगों ने पॉडकास्ट में तीन ऑप्शन दिए थे ताकि किसी न किसी तरह सुना जा सके,,,,,,
इस में तो फिलहाल कोई प्रॉब्लम है,,,
नीलम जी अति सुंदर पाखी बेटा क्या बात है मधुर सुंदर मन मोहक आवाज
रचना
आचार्य जी ,
हुआ कुछ यूं कि जैसे ही हमने आवाज बदली ,क्यूंकि पाखी और हमारी आवाज में समरसता के कारण वो बेटी और माँ का संवाद कम लग रहा था ,और आवाज बदलते ही पाखी का बुरा हाल था हस -हस कर ,कई बार के प्रयास के बाद पाखी को हमने जब डाटा ,तब जाकर कुछ बात बनी ,हमारे वाचन में तेजी
का कारण कुछ आगंतुको का शीघ्र पहुंचना भी था ,पर सुझाव तो और अच्छा करने का हौसला ही देते हैं ,इसलिय शुक्रिया
सभी लोगों को कविता पसंद आने पर शुक्रिया |
हमारा मानना है कि हिंदी को बच्चों को सुलभ ,सहज ,सरल बनाने का यह तरीका बेहद कारगर होगा ,सभी अभिभावकों सेअनुरोध है कि वो भी बच्चों कि अच्छी कवितायें रिकॉर्ड करके हम तक पहुंचाएं ,हम हर रविवार को बाल उद्यान में पॉडकास्ट के लिए ही रखेंगे कहानी ,कविता ,संस्मरण ,रेखाचित्र ,कुछ भी सभी रोचक सामग्री का स्वागत है ,इस बाल उद्यान पर |
'माँ कह एक कहानी' बहुत बढ़िया. सुनकर बड़ा आनंद आया. नीलम जी आपमें तो कमाल के गुन भरे हुए हैं. वाह! वैसे मैंने भी हिन्दयुग्म पर कुछ महीने पहले (पिछले साल) एक अपनी लिखी अपनी ही आवाज़ में recorded बच्चों की हास्य कविता '' बिल्ली जब पकड़ में आई'' बाल -उद्यान पर भेजी थी रंजना जी को पर कुछ जबाब नहीं आया कभी भी. और मैं मन मसोस कर रह गयी थी. बात समझ में नहीं आई मेरे कि ऐसा क्यों हुआ. क्या खता हो गयी मुझसे.
नीलम जी,
बहुत बढ़िया ..... आपने अपनी आवाज़ को जिस नए अंदाज़ में बदला है, वो तो कमाल ही है, पाखी का भी कोई जवाब नहीं, इसकी आवाज़ बहुत सुरीली है. दोनों ने मिलकर बहुत ही अच्छी रिकॉर्डिंग की है. आगे भी ऐसी मजेदार कवितायेँ सुनवाते रहिये.
शुक्र है की aaj चुनाव की छुट्टी के बहाने ये कविता सुन पाया,,,,
पर नीलम जी की बदली हुयी आवाज सुनकर पाखी का क्या,,,हमारा ही हाल खराब हो गया हंसते हंसते पेट में बल पड़ गए,,,,,पर शायद ये बदलाव जरूरी था ,,,,वरना पाखी की खूबसूरत आवाज और अदायगी बेशक आपके साथ मिल जानी थी,,,,
बहुत शानदार लगा पाखी बेटा,,,,तुम्हें बहुत बहुत आर्शीवाद और प्यार,,,,,
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