Sunday, December 2, 2007

माँ और दो कविताएँ


 

(1)


माँ होती है प्यारी
खुशियाँ देती सारी
लोरियाँ सुनाती है
गोद में सुलाती है
रूठो तो मनाती है
रोओ तो बहलाती है
माँ को नही सताएँगे
हम दूध-मलाई खाएँगे
माँ जो रूठी यह जग रूठा
माँ ही सच्ची सब जग झूठा

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(2)

माँ, मेरी माँ,

मेरी बिनपढी माँ,
तमाम विज्ञापनो
और नारीवादी नारों से दूर
सहज ही चूम लेती है
मेरे बच्चों का मुँह
हिलाती-दुलारती है
भावावेश में बार-बार
तान देती है, आँचल का बादल
सूरज देवता की नज़र न लगे
बच्चों के गालों पर काला टीका लगाती है
भोजपत्र और भालूदाँत वाली ताबीज़ बाँधकर
टोना टोटका से बचाती है
हजार यत्न करती है, बच्चों को हँसाने के लिए
थपकियों की जादू से, सुला देती है बच्चों को
अपनी गँवई बोली में / कुछ भी गुनगुनाकर
बच्चों के रूठने पर समझाती है -
" अन्न का अपमान नही करते बेटा,
नाराज़ होती है अन्नपूर्णा माई। ''
सौ-सौ बलाएँ लेती हैं, सिसक उठती है
मुझे और बच्चों को दूर होते देखकर
भभाकर रो देती है
माँ जो सदा माँ होती है।

डॉ.  नंदन
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12 पाठकों का कहना है :

anuradha srivastav का कहना है कि -

माँ जो सदा माँ होती है।
दिल को छू लेने वाली रचना.........ajagdhari

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

सभी माताओं को नमन करते आपको बधाई.
सुंदर रचना.
अवनीश तिवारी

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

डॉ. नंदन

आपकी दोनो ही रचनायें आपके भीतर के कवि की भावप्रवणता की घोषणायें है। पहकी रचना में छोटे छोटे वाक्य और अंत में गहरी सी बात।

दूसरी रचना यद्यपि 0-13 वर्ष ले बच्चों को कठिनता से ग्राह्य होगी तथापि वे जो भी समझ सकेंगे उनके गहरे रह जायेगा।

दोनों ही रचनाओं नें बेहद प्रभावित किया। बधाई स्वीकारें।

*** राजीव रंजन प्रसाद

Sajeev का कहना है कि -

नंदन जी माँ के लिए इतनी सुंदर और सहज रचनाएँ आपने दी है की क्या कहूँ..... यकीनन अब हम एक अच्छे साहित्य सृजन की दिशा में बढ़ रहे हैं

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

मातृ-प्रेममय कविता के लिये बहुत बहुत बधाई..

माँ तेरे आँचल में मैने सरपट दौड लगाई थी..
कभी लगी जो ठोकर मुझको मै माँ माँ चिल्लाई थी..

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बहुत सुंदर कविता डॉ. नंदन.....
माँ के लिए जितना लिखा जाए कहा जाए कम है

ज़िंदगी जब भी उदास हो कर तन्हा हो आई
माँ तेरे आँचल के घने छावं की बहुत याद आई

दिल जब भी भटका जीवन के सहरा में
माँ की प्रीत ने एक नयी रहा जीवन को दिखाई

रंजू

Dr. sunita yadav का कहना है कि -

माँ की कमी ...सच माँ माँ होती है उसकी जैसी कोई नहीं एक कविता पसंद आयी थी जो अंग्रेजी मैं है पर इसके भाव अच्छे हैं नंदन जी आप ने माँ पर कविता लिख कर मुझे १ कविता की याद दिला दी ...कविता अंग्रेजी मैं है ...अनुवाद किया जा सकता है
Dear Mom,
I think of your beauty and kindness,
I miss your smile and your green eyes,
I miss you a lot, dear Mom and I hope
you are well wherever you are and when we think
of you, you can feel it, in your own way
And I hope that you are in peace, full of Pierre Cardin’s and Madame Rosita’s in your mind keeping you sensitiveness and beauty alive
I miss your care and your cooking also
Please, feel happy wherever you are, you did a lot for us, your children, and we represent your soul through our lives.
Rest in peace, Mom and never forget us, your children that still love
You a lot
I hope someday we will joined you in heaven
And we will be able to see you again
You are now comforted by an angel wearing a satin dress and holding a rose
His face full of life and expressions
His hair blond just like yours
You are walking hand in hand with that angel in heaven
Heaven how beautiful you are
Peaceful
Mon you are our voice
Our inspiration
Our strength
We thank you for the life you given us
Indeed we are proud to be your Children
There are more sunsets in the sky to see than before
Birds flying at their peak
They spread their wings
The winds help than to fly strong and fast
And here on earth we stand and hold a candle that was lighted up in our hands
And let it shine in the dark
Flowers are at your grave
We place it for you
In our hearts mind and soul you will leave forever more
Our Mother
So loved
We keep your memory and your spirit alive
Your spirit live in us
Your voice we can no longer hear
But your presence we can feel
None of us can see your face
But you are looking at us from heaven
Rest Mother forever more
We smile for you
We will sing to you the songs you loved
Peace be with you mom
The water of the oceans will keep floating for you
In poetry every word flows like an ocean
I know that your hope for us will never fade
Your love will never die
Because you had given us plenty before
We don’t have anybody to hug anymore
But we are building a house with its roofs and windows
We are the foundation
We are the gift that god gave to you
You once brought us in to this world
We need to live in peace and in kindness
That is the lesson you thought us
Don’t worry mom
We are healthy and strong
We are working hard to accomplish our goals in our lives
Yes we know we will see more sunsets in the sky
If you could only see us now
If you could see the trees covered with snow
In winter mom everything is peaceful
If you could only hear our voices again
If you could only hugged as again
If you could only kissed as again
We will keep on praying
We will love you forever more
The ships and the boats will keep on sailing in the oceans
Yes mom today we realize how precious life really is
Mon we know that death is a celebration of life
Mom we know that before you die you enter that tunnel and at the end you see that bright light
Mom if we could change the clock and go back to yesterday
It is not possible because that life we already lived
If we could recognized our weakness mom
We were blind and didn’t know how to appreciate each other
But today we appreciate you more mom
If we could have learned from our mistakes mom
We were only humans and it took us time to understand it
Mom why did we fought so much?
That is because we loved ourselves too much
Don’t worry mom the birds will keep on singing in the spring

Aldo Kraas की है ये कविता
एक बार फ़िर धन्यवाद....इतनी अच्छी कविता के लिए

नीरज गोस्वामी का कहना है कि -

वाह नंदन साहेब
बहुत अच्छी रचना बेहद भावपूर्ण.पहली रचना बच्चों के लिए और दूसरी बडों के लिए.
बधाई
नीरज

अभिषेक सागर का कहना है कि -

नंदन जी,

सबसे पहले बाल उद्यान पर स्वागत ।

माँ की इतनी अच्छी तसवीर आपने खीची की मुझे मा की याद आ गयी।

धन्यवाद्

Anonymous का कहना है कि -

नंदन साहब,माँ के प्रति एक मर्मस्पर्शी अंजलि.
शायद बचपना में एक बच्चे के लिए माँ के प्रति ऐसा कुछ कह पाना सम्भव नही होता.जो वह बड़े होकर कह सकता है.यह आपने सिद्ध कर दिया.
आलोक सिंह "साहिल"

Alpana Verma का कहना है कि -

नंदन जी,
आप की पहली कविता बच्चों को आसानी से याद हो जायेगी इसलिए उन से गवाई जा सकती है- बहुत ही प्यारी कविता है.
दूसरी कविता गंभीर है.और भावपूरण भी.दिल को छू लेने वाली रचना के लिए आप को बधाई-

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

एक सुंदर कविता.
हाँ, माँ के आँचल में ही तो सच्चा प्यार और रक्षा का अहसास भरा होता है एक बच्चे के लिए. सभी को मातृ-दिवस की बधाई.

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