Sunday, December 16, 2007

आओ बच्चो चित्र बनाना सीखें - सातवीं कडी


आप सभी जानते हैं कि कुत्ते और घोडे को आदमी का सबसे अच्छा मित्र माना जाता है क्योंकि यह दोनों जानवर होते हुये भी बहुत बुद्धिमान होते हैं और इनकी स्वामीभक्ति की अनेको कहानियां हैं.
आईये आज घोडे का चित्र बनाना सीखते हैं.
सबसे पहले एक चौकोर वर्ग बनायें जितना ऊंचा और बडा हम घोडा बनाना चाहते हैं.
उसके अन्दर हम दो गोले बनायेंगे जो घोडे का पेट और पुट्ठे बनेंगे जैसा कि चित्र १ में दिखाया गया है.

इसके बाद हम गर्दन के लिये एक तिकोन और मुहं के लिये एक छोटा गोला और वर्ग बनायेंगे. पैरों के लिये चार रेखायें भी खीचेंगे जैसा चित्र २ में दिखाया गया है साथ ही गट्टों के लिये उचित स्थान पर गोले भी चित्रित करेंगे.

चित्र ३ के अनुसार हम पेरों के लिये खींची गई रेखाओं को पूर्णता प्रदान करते हुये पेरों का और खुरों का आकार बनायेंगे.
साथ ही पेट, पुट्ठे मुंह और कान का आकार भी बाहिरी रेखाओं की सहायता से बनायेंगे.

चित्र ४ के अनुसार घोडे की आंख, नाक, मुहं, गर्दन के बाल और पूछं का आकार उभारेंगे. कहां कहां सीधी रेखाओं को गोलाई देने की जरूरत है इस बात का ध्यान रखें.

चित्र ५ के अनुसार हम अनावश्यक रेखाओं को मिटा देंगे और सचमुच यह देख कर बहुत खुशी होगी कि एक सुन्दर घोडे का चित्र बन कर तैयार है. रंग भरें और सहेजें.


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7 पाठकों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

वाह मोहिंदर जी! आपने तो कमाल की तरकीब बताई.सच कहूँ तो मैं हमेशा से चित्रकारी मे उतना ही अच्छा रहा,जितना की "बेढब बनारसी" साहब का साइकल सवार. पर अब लगता है कि मैं भी अपनी इस मूढ़ता से कुछ निजात पा जाऊंगा.
बहुत बहुत धन्यवाद
आलोक सिंह "साहिल"

शोभा का कहना है कि -

मोहिंदर जी
बढ़िया चित्रकारी है . मैंने भी घोडा बनाना सीख लिया है. सीखते रहिये

शोभा का कहना है कि -

क्षमा करें मेरा मतलब है सिखाते रहिए । हम सीखने को उत्सुक हैं

Reetesh Gupta का कहना है कि -

बहुत सुंदर ...आभार

रंजू भाटिया का कहना है कि -

सुंदर ..थोड़ा सा मुश्किल लगा इसको बनाना ...कोशिश जारी है ..:) आप सिखाते रहें !!

Alpana Verma का कहना है कि -

धन्यवाद मोहिंदर जी,
मैंने इस का प्रिंट ऑउट निकाल लिया है और अपने बच्चों को दूंगी ताकि स्टेप बाय स्टेप स्केच करना सीखें .
बच्चों के लिए यह स्तम्भ भी बहुत लाभदायक है.

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

मोहिन्दर जी,

बहुत जटिल चित्र का बहुत सहज प्रस्तुतिकरण है।

*** राजीव रंजन प्रसाद

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