दीदी की पाती रोचक आविष्कार क्लोरोफार्म
हाजिर हूँ आज फ़िर एक नई जानकारी के साथ ...हमारे आस पास बहुत सी चीजे हैं जब हम उन्हें देखते हैं तो जानने की उत्सुकता जाग जाती है मन में कि आखिर कैसे हुए होगा ...यह आविष्कार किसने की होगी यह खोज । ..ऐसा ही एक अदभुत और रोचक आविष्कार है क्लोरोफार्म ..जी हाँ इसका इस्तेमाल अस्पताल में जब कोई कठिन आपरेशन करना हो तो किया जाता है .। .इसकी खोज एडनबरा के एक डाक्टर ने की थी । हुआ यूं कि एक बार वहाँ उनके अस्पताल में एक रोगी के हाथ पांव रस्सी से बाँध दिए गए क्यूंकि उसकी खराब टांग का आपरेशन करना था उसकी टांग में एक घाव हो गया था जो सड़ चुका था उसकी टांग काटने के अलावा कोई चारा नही था और जब उसकी टांग काटी गई तो वह मरीज तो दर्द के मारे बेहोश हुआ ही साथ ही डाक्टर सेम्प्सन जो उस वक्त पढ़ाई कर रहे थे वह भी बेहोश हो गए और जब वह होश में आए तो उन्होंने मन ही मन प्रतिज्ञा कि वह कोई ऐसा आविष्कार करेंगे जिस से मरीज को तकलीफ न हो जब उन्होंने इस के बारे में अपने साथ पढने वाले मित्रों से बात करी तब सब ने उनका मजाक बनाया पर उन्होंने हिम्मत नही हारी ।
सेम्प्सन का जन्म ७ जून १८११ को एडनबरा से २३ किलोमीटर दूर बाथगेट नामक स्थान पर हुआ था उनके पिता बहुत मामूली से इंसान थे । बहुत कम आमदन थी उनकी । सेम्पसन पढने लिखने में बहुत ही होशियार थे हर बात कि लगन थी उन में सिर्फ़ १४ साल कि उम्र में उन्होंने एडनबरा विश्वविधालय में दाखिला ले लिए था और महज १८ साल कि उम्र में अपनी डाक्टरी कि पढाई पुरी कर ली थी वह डाक्टर बन जाने के बाद भी अपनी प्रतिज्ञा भूले नही उन्होंने इस दवाई कि खोज जारी रखे जिस से आपरेशन के वक्त कोई मरीज को तकलीफ न हो और आपरेशन भी हो जाए।
एक दिन उनकी मेहनत रंग लायी एक शाम कोई प्रयोग करते वक्त उनकी निगाह अपने सहयोगी डाक्टर पर गई जो उनकी बनायी एक दवा सूंघ रहे थे और देखते ही देखते वह बेहोश हो गए अब सेम्प्सन ने उसको ख़ुद सूंघ के देखा उनकी भी वही हालत हुई जो उनके सहयोगी डाक्टर की हुई थी तभी उनकी पत्नी वहाँ आई और यह देख कर चीख उठी सब लोग वहाँ जमा हो गए किसी और डाक्टर ने डाक्टर सेम्प्सन की नाडी देखी वह ठीक चल रही थी उसी वक्त डाक्टर सेम्प्सन ने आँखे खोल दी और होश में आते ही वह चिल्लाए कि मिल गया मिल गया लोगो ने हैरानी से पूछा कि क्या मिल गया डाक्टर साहब ...
डाक्टर ने जवाब दिया कि बेहोश कर के दुबारा होश में आने का नुस्खा ४ नवम्बर १८४७ को डाक्टर ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर के दिखा दी और उन्होंने इस दवा का आविष्कार कर के ही दिखाया । बाद में इस में कई परिवर्तन किए गए और यही दवा रोगियों के लिए एक वरदान साबित हुई । आज इसी के कारण बड़े से बड़ा आपरेशन भी उस वक्त बिना दर्द के आसानी से कर लिया जाता है
यह थी आज की एक और रोचक जानकारी ।
बारिश के मजे ले और बीमार न पड़े जल्द ही स्कूल खुलने वाले हैं ।
आपकी दीदी
रंजू
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5 पाठकों का कहना है :
क्लोरोफ़ार्म का मरीजों पर उपयोग कई दशकों से बन्द है । क्लोरोफ़ार्म हृदय पर बहुत बुरा असर डालता है ।
मरीजों को बेहोश करने के लिये कई रसायन उपयोग में लाये जाते हैं । उदाहरण के लिये शरीर के किसी एक हिस्से को सुन्न करने के लिये लोकल एनेस्थेसिया का प्रयोग किया जाता है, इसके लिये उस स्थान की मांसपेशियों में एक इंजेक्शन के माध्यम से रसायन दिया जाता है ।
सूंघने वाले एनेस्थेसिया में नाइट्रस आक्साईड का प्रयोग किया जाता है, इससे मरीज बेहोश हो जाता है ।
नीरज जी आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है ..शुक्रिया यह सब बताने के लिए शुरुआत से अब तक कई परिवर्तन हुए हैं इस में ,मैंने यह लिखा है पर इसके बारे में ज्यादा नही लिख पायी आपने बता दिया अच्छा लगा जान कर ,किसी और पाठक के पास इस से जुड़ी कोई और जानकारी हो तो यहाँ जरुर लिखे ताकि सब तक सही जानकारी पहुँच सके .धन्यवाद
CHCL3 क्लोरोफॉर्म या ट्राईक्लोरोमीथेन
सच में एक चमत्कारिक आविष्कार हैं
इस सन्दर्भ में अच्छी जानकारी दी रंजू जी..
हमने भी खूब इस्तेमाल किया है क्लोरोफॉर्म का
रसायन शास्त्र / जीव-विज्ञान की प्रयोगशाला में
हमने तो एक बार मैंढक को क्लोरोफॉर्म पिला ही
दिया जब वो सूंघने से
बेहोश नहीं हुआ तब खूब डांट पडी अध्यापक से :)
दीदी ने काफी अच्छी अच्छी बातें बताई है इस बार, क्लोरोफार्म के बारे में पढ़कर अच्छा लगा।
IUPAC name :-Trichloromethane
Other names
Chloroform, Formyl trichloride, Methane trichloride, Methyl trichloride, Methenyl trichloride, TCM, Freon 20, R-20, UN 1888
Molecular shape:- Tetrahedral
Thermodynamic data :-
Phase behaviour
Solid, liquid, gas
Uses :-
1)Anesthetic
2)As a solvent
3)As a reagent in organic synthesis
sources :- wiki
link :- http://en.wikipedia.org/wiki/Chloroform
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