बरसात
आई बरसात बरसे मच्छर
भैंस बराबर काला अच्छर
पढ़ें-लिखें वो होयें खराब
खेलें- कूदें वे बनें नवाब
नवाबों की गई नवाबी
सैंतालिस में आई आजादी
आजादी है मगर अधूरी
बचपन जब तक करे मजूरी
--डॉ॰ श्याम सखा 'श्याम'
चित्र आधारित बाल कविता लेखन प्रतियोगिताआई बरसात बरसे मच्छर
भैंस बराबर काला अच्छर
पढ़ें-लिखें वो होयें खराब
खेलें- कूदें वे बनें नवाब
नवाबों की गई नवाबी
सैंतालिस में आई आजादी
आजादी है मगर अधूरी
बचपन जब तक करे मजूरी
--डॉ॰ श्याम सखा 'श्याम'
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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3 पाठकों का कहना है :
श्याम जी आप धन्यवाद के पात्र हैं. बहुत बड़ी बात बहुत कम शब्दों में कह दी है आपने.
आजादी है मगर अधूरी
बचपन जब तक करे मजूरी
बढिया.....
बरसात का अच्छा चित्रण है।
बधाई।
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