बाल उद्यान के प्राणी उद्यान की सैर - 2
बच्चो कैसे हो ? मजे आ रहे है ना छुट्टियों में.. पिछ्ली बार गये थे ना प्राणी उद्यान में
मज़ा आया था ना बन्दर, तोता, बकरी, गिलहरी, से मिलकर, चलिये आज फिर चलते है
और मिलते है कुछ और प्राणी उद्यान के सदस्यों से :
लम्बी पूँछ सुनहरे बाल
बैठा है देखो उस डाल
हमको कैसा रहा है घूर
काले मुहुँ का ये लंगूर
फन फैलाकर बैठा साँप
शायद हमको गया है भांप
लपलप-लपलप करे जुबान
इनकी त्वचा ही इनके कान
बगुला भगत लगाकर ध्यान
भोजन ढूँढ रहे श्रीमान
ज्यूँ कोई मछली पायेंगे
उसको चट कर जायेंगे
देखो इस झाड़ी के भीतर
छुप-छुप घूम रहे हैं तीतर
शोर नही,सब रहना शांत
इनको पसन्द बहुत एकांत
बच्चो हो जाओ सावधान
गौर से सुनो लगाकर कान
भागो! झाड़ी से आवाज
हा हा हा हा - गर्दभ राज
12-06-2008

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
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कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
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4 पाठकों का कहना है :
राघव जी! आपका हाथ चूमने का मन कर रहा है...
राघव ji आपने इतनी अच्छी जानकारी दी है और साथ मे सुंदर तस्वीरे भी देखने को मिली आपकी कलम मे बहुत शक्ति है ,संभाल के रखियेगा :) बहुत बहुत बधाई
राघव जी,
प्राणी उद्यान की सैर में मज़ा आ गया , लंगूर, तीतर, सांप,,बगुला भगत और गर्दभ राज , सबके बारे में जानकारी मिल गयी, वो भी तस्वीरों के साथ , अब और क्या चाहिए.....??
चलिए एक बार और सैर कर आते हैं .....
^^पूजा अनिल
वाह आपने तो सैर करवा दी प्राणी उद्यान की साथ में चित्र भी शानदार हैं .:)
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