अब दो नही चार दिन लगेगे
एक बार की बात है, एक बालक को एक बासुरी मिली और वह उसे बजाता रहा और उसे बजाते कई करीब दो माह बीत गये। वह घूमते-घूमते एक शहर में पहुँचा जहॉं बासुरी के बहुत ही विद्वान जानकार पण्डित थे और वह लड़का उनके शिष्य बनने के लिये पहूँचा। गुरू को प्रणाम कर बोला गुरूजी मै कितने दिनो में बांसुरी सीख जाऊँगा ? गुरू जी ने उत्तर दिया - तुम्हे खीखने मे दो महीने लगेगे। तब वह लड़का बहुत इठलाकर बोला गुरूजी मैने तो पिछले 2 माह से बहुत अभ्यास किया हैए तो अब कितना समय लगेगा। तब गुरूजी सोच कर बोलते है कि तुम्हे अब 4 चार महीने लगेगे। और लड़का क्रुद्ध होकर चला जाता है।
बाद में गुरूजी के एक सहयोगी ने इसका कारण पूछा तो गुरूजी ने उत्तर दिया कि इस बालक में विनम्रता नही है जो आसानी से किसी की बात मान ले दूसरी बात यह कि यह इस बालक ने 2 माह में बहुत गलत अभ्यास कर लिया है। जिसे पहले उसे सुधारने में 2 माह लगेगे तब इसे नया सीखने में 2 माह लगेगे।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें किसी भी चीज का गलत अभ्यास नही करना चाहिये, और जहाँ किसी बात में शंका हो तो बड़ो और टीचर से पूछना चाहिये।
 

-YAMINI.gif) आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं। क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं। बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ।
बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ। क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों? अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए। तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया। आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में। एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं। पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।


 बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
 
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4 पाठकों का कहना है :
अच्छी सीख भरी कहानी...
सही कहा जी !
ठीक कहा बंधू !
अच्छी कहानी है ,"विनम्रता
सबसे बड़ा सदगुण " है ,वाकई
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