नववर्ष 2009 का स्वागत
नववर्ष 2009 है आया बच्चों
देती शुभकामना आप सबको
पलपल आप का हो अच्छा
ले लो सद्संकल्प तुम सच्चा
हर कोई हो दोस्त तुम्हारा
प्रेमदोस्ती तुम निभाना
करे तुम्हारी कोई निंदा
क्षमा उसे तुम कर देना
भारत महान के तुम हो बच्चे
संयम अहिंसा आदर्श इसके
अपनाके तुम इन व्रतों को
घर जग में उजाला कर दो
करें पिछली गलतियों में सुधार
यही हो नववर्ष का आधार
नैतिकता से गूंजेगा संसार
यही है विश्व शान्ति का सार
धैर्य़ विनम्रता का पहनो गहना
धर्म मर्यादा में तुम को रहना
व्यर्थ न जाए वीरों का बलिदान
युग प्रमाण का बनो तुम वरदान
प्रस्तुत कविता मंजू आंटी ,द्वारा आप लोगों को भेजी गई है ,आप लोग इसे पढिये ,कंठस्थ करके दूसरों को सुनाईये अब मंजू आंटी भी आप लोगों के लिए नित नई सामग्री प्रेषित करेंगी ,इसी विश्वास के साथ
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4 पाठकों का कहना है :
मंजू जी बाल उद्यान में आपका स्वागत है
बच्चे आपसे बहुत कुछ सीखेंगे मंजू जी...
बाल उद्यान में आपका स्वागत है
कविता अधिक उपदेशात्मक नहीं है क्या? आज तक बाल उद्यान में एक भी बच्चे की टिप्पणी नहीं देखी. कुछ बड़े लिखकर एक-दूसरे को बधाई देते रहते हैं. क्या इतना ही उद्देश्य है?
Namaste Ji...
welcome ji..
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