मकर संक्रान्ति
प्यारे बच्चों !
आज मकर संक्रान्ति है। आज के दिन से सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाता है। चार महीनें की शीत के बाद सूर्य का प्रकाश आशीर्वाद जैसा लगता है। शीत ऋतु में सूर्य की किरणे प्रबल नहीं होतीं, जिससे वातावरण में कीटाणु पैदा हो जाते हैं। नेत्र सम्बन्धी रोग भी इसी कारण होते हैं। सूर्य के उत्तरायण होते ही प्रकाश में तीव्रता आती है। सूर्य की ऊर्जा सभी के लिए आरोग्य लेकर आती है। आज के दिन सूर्य भगवान की पूजा की जाती है और पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। इस दन दान की भी परम्परा है। यह हमारी संस्कृति है कि हम पहला अन्न या फल दान करते है।
जानते हो बच्चों महाभारत में भीष्म पितामाह ने इसी अवसर की प्रतीक्षा की थी। उन्होने मृत्यु को सूर्य के उत्तरायण आने तक रूकने को कहा था । इस समय से मौसम में परिवर्तन हो जाता है। इसके बाद सभी शुभ कार्य किए यह त्योहार फसल पकने पर मनाया जाता है। इसी लिए भारत के अधिकतर राज्यों में मनता है। उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार में मकर संक्रान्ति, पंजाब में लोहड़ी, दक्षिण में पोंगल और आसाम में बीहू के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन पतंग उड़ाने का चलन है। रंग-बिरंगी पतंगें वातावरण को रंगीन और सुहावना बना देती हैं। इसमें पहला अनाज दान दिया जाता है।
आज गणेश चतुर्थी भी है। माँ ने बढ़िया-बढ़िया चीजें बनाई हैं ना ? त्योहार हमारे जीवन की नीरसता को दूर कर उसमें सरसता ले आते हैं। इसलिए इनका भरपूर आनन्द उठाना चाहिए। इति जाते हैं।
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5 पाठकों का कहना है :
shobha ji achchi jaankaari ,
bahut dinon ke baad aap bachchon ke liye yah saugaat laayi hain .
saadhuvaad aapko
बहुत अच्छे शोभा जी,
मकर संक्रांति की शुभकामनायें!
आलोक सिंह "साहिल"
बहुत बडिया मकर संक्रांति पर शुभ कामनायें आपका ब्लोग बहुत अछ्हा लगा ब्धाई
शोभा जी मकर सक्रांति की जानकारी देने के लिए धन्यवाद
रोचक, उपयोगी जानकारी. सकट गणेश चौथ पर भी कुछ जानकारी होती तो उपयोगिता अधिक होती.
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