Thursday, January 29, 2009

बापू गाँधी

नमस्कार बच्चो,
आपको पता है कल ३० जनवरी को महात्मा गाँधी जी का शहीदी दिवस है। उनका जन्म २ अक्तूबर १८६९ ई. को गुजरात के पोरबंदर शहर में पिता कर्मचन्द तथा माता पुतली बाई के घर हुआ। इन्होंने अहिंसा के बल पर भारत को आजादी दिलाई। ३० जनवरी १९४८ को आप नत्थू राम गोडसे की गोलियों का शिकार हुए और राम-राम कहते हुए आपने अपना शरीर छोड़ा। आपकी समाधि दिल्ली, राजघाट में है जहां लोग उन्हें श्रधांजलि अर्पण करने जाते हैं। आओ मैं आपको उनके जीवन के बारे में कुछ और बताऊं

बापू गाँधी

भारत मां के सपूत महान
गाँधी कर्मचन्द की संतान
मोहन दास नाम था पाया
महा संस्कारों को अपनाया
राम भक्त और सत्यवादी
बिना लड़े ले ली आजादी
अहिंसा का लेकर हथियार
बाँटा मानवता का प्यार
रंग-भेद को दूर भगाया
सत्य का मार्ग अपनाया
करते बुराई का मूक विरोध
नहीं था मन मे कोई प्रतिशोध
बनो हरीश और श्रवण कुमार
थे गाँधी के उच्च विचार
विदेश में रह कर की पढ़ाई
वकालत की डिग्री भी पाई
भारत आकर कार्य सीखा
गए इक बार दक्षिण अफ्रीका
हुआ संग में दुर्व्यवहार
अंग्रेजों के तुच्छ विचार
काला कहकर उनको बुलाया
देश गुलाम का वासी बताया
धकेल दिया गाड़ी से बाहर
सोचा गाँधी ने अब जाकर
मेरे देश में मैं ही गुलाम
करना है कुछ ऐसा काम
जिससे हम आजाद हो जाएं
अंग्रेजों को घर से भगाएं
चलाया सत्याग्रह आन्दोलन
मानने लगे उनको भारतीजन
शान्ति का मार्ग अपनाया
भारतवासियों को समझाया
जिसको कभी उचित न जानो
ऐसी बात कभी न मानो
चाहे कितना भी हो विरोध
पर नहीं लाना मन में क्रोध
न ही मन में नफरत लाना
अहिंसा का मार्ग अपनाना
सागर तट पर नमक बनाया
अंग्रेजों को भी समझाया
गुलाम नहीं है हिन्दुस्तान
है यह ऐसा देश महान
राम-कृष्ण की धरती पावन
नहीं पल सकता यहां कोई दानव
बिन हथियार ही लड़ जाएंगे
देश की खातिर मर जाएंगे
जुल्म किसी पे नहीं करेंगे
पर न गुलामी भी सहेंगे
अनूठे ढंग से लड़ी लड़ाई
देने लगे अंग्रेज दुहाई
विलायती चीजों का बहिष्कार
बंद किया फिरंगी व्यापार
काता सूत बनाई खादी
सत्य कर्म से ली आजादी
बिन हथियार ही किया कमाल
ऐसा था भारत का लाल

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3 पाठकों का कहना है :

manu का कहना है कि -

कल बापू का शहीदी दिवस है...
नमन है गांधी जी को ....बापू को..
पर लोग याद रख ने के अलावा...उस शहादत की वजह भी समझ लें ...गहराइयों तक जान भी लें तो कितना अछा हो जाए.....
बंदर भी जाने क्या क्या समझा जाते हैं इंसान को............

सीमा सचदेव का कहना है कि -

सही कहा आपने मनु जी बन्दर भी न जाने क्या क्या सिखा
जाते है | आज से हम भी गाँधी जी के पद-चिह्नों पर
चलेंगे और जो कहना होगा वो बातो से नही
व्यवहारिक रूप से कहेंगे |

neelam का कहना है कि -

जिसको कभी उचित न जानो
ऐसी बात कभी न मानो
चाहे कितना भी हो विरोध
पर नही लाना मन मे क्रोध
न ही मन मे नफरत लाना
अहिंसा का मार्ग अपनाना

kaash ki krodh hi khatam ho jaaye ,
gusse wala element hi banana band ho jaaye to kitna achcha ho ,bus aap apna kaam karen
nahi kisi pe gussa kare ,
rosh n ho
to dosh bhi n honge
sabse achche hum sab honge
sabse achche hum sab honge
seema ji aapki sohbat ka asar hai ye ,achchi jaankaari ke liye shukriya

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