Thursday, November 8, 2007

"आयी दिवाली आयी"


आयी दिवाली आयी देखो आयी दिवाली आयी
आयी दिवाली आयी हाँ जी आयी दिवाली आयी
छज गये छब बाजाल दुकानें
लोनक घल घल छाई
जीत हुई अच्छाई की
जीत हुई अच्छाई की..
औल बुलाई ने मुहुँ की खाई
आयी दिवाली आयी देखो........

मेली मम्मा ने मुझको दी
भलके प्लेत मिथाई
ओल मेले चाचू ने मुझको
ये फुलझली दिलाई
दादू ने दी ड्रेस मुझे
ओल,मेला खूब घुमाया
मेला भाई चुपके से कुछ
ओल पताखे लाया
मैं तो खा लयी थी लछ्गुल्ले
मैं तो खा लयी थी लछ्गुल्ले
डांट भाई ने खाई
आयी दिवाली आयी देखो........

मेली मम्मा ने भाई को
कुछ ऐछे छमजाया
पिल्दूषन होता है इनसे
क्यूँ पताखे लाया
पिछ्ली बाल इन्हीं पताखों ने
उंगली तेली जलाई
फिल क्यूँ तुम गलती कलते हो
क्या, बात छमझ नही आयी
क्या, बात छमझ नही आयी
आयी दिवाली आयी देखो........

मिलन खुछी का पल्व है ये तो
जी भल नांचो खेलो
थोले से बछ फोलो पताखे
पल, बलों को छंग मे ले लो
मेली मम्मा ने प्याला घल
छुन्दल बहुत छजाया
जगह जगह कोने कोने में
जग-मग दीप जलाया
मेली बुआ ने दादी छंग
मेली बुआ ने दादी छंग
मिल, ये लंगोली बनाई
आयी दिवाली आयी देखो आयी दिवाली आयी
आयी दिवाली आयी हाँ जी आयी दिवाली आयी
आयी दिवाली आयी.. आयी दिवाली आयी...


आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

7 पाठकों का कहना है :

Dr. Zakir Ali Rajnish का कहना है कि -

तोतली भाछा में आपने बली बलिया कविता लिखी है। आपको बहुत-बहुत बदाई औल दीपावली की छुबकामनाएं।

praveen pandit का कहना है कि -

लाघब अंकल!
दीपावली के जैसे ही आप भी बहोSSSत अच्छे हैं ---हाँSSS

फुलझली कब छुटाओगे,दिवाली की राम-राम

बच्चा प्रवीण

Pramendra Pratap Singh का कहना है कि -

बड़ी अच्‍छी कविता, दीपावली की शुभ कामनाऐं।

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

राघव जी,

आप बहुत अच्छा लिखते हैं। बालमनोविज्ञान को समझते हैं, शायद इसीलिए गलत आदतों से बच्चों को मस्ती में ही आगाह भी कर देते हैं।

विश्व दीपक का कहना है कि -

लाघव जी,
दिवाली की आपको भी हाल्दिक बधाई।

-विश्व दीपक

अभिषेक सागर का कहना है कि -

सही मे बहुत अच्छी कविता बच्चो के भाषा मे

Manuj Mehta का कहना है कि -

bahut badhiya laga bhupendr bhai yeh totli zabaan mein kavita padhkar. bahut sunder. diwali ki shubhkamnayen

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)