एकता में ही ताकत है
बच्चों ,आज आपको एक सच्ची धटना बताते हैं-बैंगलोर में एक पार्क में एक पेड़ पर तोते का एक छोटा सा घोंसला था। तोता और तोती बडे प्यार से उसमें रहते थे। उनका एक छोटा सा बच्चा भी था, जिसके नाजुक कोमल से शरीर पर अभी पंख नहीं आये थे।
तोता और तोती बारी-बारी से उसके लिये खाना लाते और बडे प्यार से उसे खिलाते। तोता खाना लेने गया हुआ था तभी तोती ने सोचा क्यों ना वो भी चली जायें और थोडी बहुत खाने की चीज़ वो भी ले आये फिर वो तीनों मिलकर साथ खाना खायेंगें। लेकिन तोता और तोती को आने में थोडी देर हो गयी।
मौका देख कर एक सांप घोंसले की और बढ चला मन ही मन वो बहुत खुश था । सोच रहा था कितने दिनों के बाद वो नरम-नरम स्वादिष्ट भोजन करेगा। कल्पना कर-कर के सांप की ज़ुबान पर पानी आ रहा था। बस पक पल की दूरी है अगले ही क्षण वो बच्चा मेरे मुहँ में होगा लेकीन तभी तोता और तोती खाना लेकर आ गये । इस तरह एकाएक दुश्मन को अपने घोंसले के करीब पा कर दोंनो के होश उड गये।तोती तो घबरा कर रोने लगी पर तोते ने हिम्मत नहीं हारी ।उसने तोती को समझाया -ये समय रोने का नहीं है । हमें मिलकर -डटकर उसका मुकाबला करना है और बिना एक पल गंवायें तोते ने सांप पर अपनी चोंच से प्रहार किया सांप निश्चिंत था वो एकाएक हुये हमले की वजह से अपना संतुलन खो बैठा और पेड से नीचे गिर पडा।
तोती को ये सब देखकर हिम्मत बंधी और वो भी तोते के साथ मिलकर सांप पर आक्रमण करने लगी। दूसरी तरफ सांप इस तरह मुहं में आये निवाले को जाता देख कर गुस्से से आग बबूला था । अब वो दुगनी तेजी से घोंसले की तरफ बडा पर तोते और तोती ने "एक और एक ग्यारह होते हैं" वाली कहावत को सच करते हुये हिम्मत से उसका सामना किया। सांप को उन दोंनो ने अपनी चोंच से हमला कर- कर के अधमरा कर दिया कि आखिर में सांप को मैदान छोड कर सिर पर पांव रख कर अपनी जान बचानी पडी।
बच्चे जानते हो तोता और तोती अपने बच्चे की जान बचाने में क्यों सफल हुये? क्योंकि उनमें एकता और हिम्मत थी ।दोंनो ने मिलकर बिना डरे शत्रु का सामना किया और अपने नन्हे से बच्चे की जान बचायी।
शत्रु कितना भी बलवान या चतुर क्यों ना हो यदि हम उसका सामना निडर हो कर करते हैं तो निश्चय ही जीत हमारी होगी ।यदि सांप को देख कर तोता और तोती हिम्मत हार जाते और सोचते की वो उनसे ज्यादा ताकतवर है तो क्या वो अपने बच्चे की जान बचा पाते ? नहीं ना। इसलिये तुम भी ध्यान रखना कभी भी हिम्मत
मत हारना।
एकता में ही ताकत है ये भी जान लो।
-- अनुराधा श्रीवास्तव
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7 पाठकों का कहना है :
अखबार में इसके बारे में पढ़ा था।
इस खबर को बच्चों के लिए एक रोचक कहानी के रूप में प्रस्तुत करने के लिए आप बधाई के पात्र हैं।
G विश्वनाथ, जे पी नगर, बेंगळूरु
अनुराधा जी,
यह शिक्षा कि एकता में बल है, बच्चों के लिये आवश्यक है। इसे हमारा जितने आयामों उदाहरणों और कहानियों से समझा सकें बेहतर। यहाँ हमारे राष्ट्र की एकता के लिये बीज बोने जैसा है....बच्चे इस कहानी से मनोरंजित और लाभांवित होंगे।
*** राजीव रंजन प्रसाद
एकता में कितनी ताक़त होती है इस कहानी में बहुत सुंदर ढंग से बताया है आपने अनुराधा जी
कहानी बहुत अच्छी लगी !!
bahut achhe anuradha ji
अनुराधा जी,
बहुत बहुत बधाई
आपने इस एकता में बल की सत्य घटना को बच्चों के लिये प्रस्तुत कर सराहनीय काम किया है..
एक प्रेरक बात बच्चों को मिली
धन्यवाद
अनुराधा जी,
आपने इस प्रेरक प्रसंग को बाल-उद्यान पर प्रस्तुत करके वाकई हीं काबिल-ए-तारीफ काम किया है। बधाइ स्वीकारें।
-विश्व दीअक 'तन्हा'
अच्छी सीख
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