तीन पहेलियाँ
(१)
दिखाये दूर का, पास का ,
बनता है ये कांच का ||
बिना इनके दादी-नानी,
कुछ भी न देख पाती ||
क्या है ये नाम बता ?
आंखों पर की आंख बता ||
(२)
पानी में तैरता, पर पानी से बना,
पानी में डाल दो, पानी कर दे ठंडा |
रखो खुले में तो फिर पानी बन जाये,
कोई है जो इसका नाम बताये ?
(३)
बचपन में तो आती नहीं,
बड़े हो जाओ तो जाती नहीं |
काट दो तो फिर आ जाये,
आए तो फिर कभी न जाये |
उत्तर (१) चश्मा (२) बर्फ (३) दाढ़ी
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4 पाठकों का कहना है :
आंखों पर की आंख बता
मजेदार पहेलियां हैं..
पहेलियों के रूप में यह नई शुरूआत है। बधाई स्वीकारें।
खोडके जी,
सुन्दर बाल सुलभ पहेलियों के लिये बधाई
बहुत अच्छी पहेलियाँ
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