भारत माता और तीन बाल गीत
गीत - 1
भारत माँ के बच्चे हैं हम ........
भारत माँ के बच्चे हैं हम, हिन्दू न मुसलमान हैं,
सिक्ख ईसाई बौद्ध पारसी सबका एक ईमान है।
भारत माँ के बच्चे हैं हम..........
ऋषि-मुनि सूफी-संतों का हमें मिला वरदान है,
सत्य-अहिंसा की राह दिखाते वेद और कुरान है।
मानवता है धर्म हमारा प्रेम सरस सहगान है,
बना रहे यह भाईचारा यही एक अरमान है।।
भारत माँ के बच्चे हैं हम..........
मंदिर-मस्जिद सजते सुंदर भजन और अजान है,
इसी देश में रहते जीजस, अल्लाह और भगवान है।
जगमग दीप दीपावली के होली, ईद, रमज़ान है,
ओणम-पोंगल, क्रिसमस-बैसाखी सभी पर्व समान है।।
भारत माँ के बच्चे हैं हम..........
हम निर्भय निश्छ्ल है हम सहज सरल बलवान हैं,
भाषा अलग पर भाव एक यह अपना अभिमान है।
यहाँ सभी जन भारतवासी कहता यह संविधान है,
यह देश हमारा दिल है हम इस पर ही कुर्बान हैं।
भारत माँ के बच्चे हैं हम..........
भारत माँ के बच्चे हैं हम, हिन्दू न मुसलमान हैं,
सिक्ख ईसाई बौद्ध पारसी सबका एक ईमान है।
भारत माँ के बच्चे हैं हम..........
गीत - 2
भारतमाता
जय हे, जय-जय, भारत माता
जन-गण-मन से तेरा नाता
जय हे,जय-जय, भारत माता
नीला अंबर साज है तेरा
तुंग हिमालय ताज है तेरा
तेरी महिमा सागर गाता
जय हे, जय-जय, भारत माता ।
तुम जननी हो जन कल्याणी
तुम ही पद्मा तुम ही भवानी
तुम हो सरला तुम्ही सरुपा
तेरा गुण है अतुल अनूपा
सुंदर रुप है सबको भाता
जय हे, जय-जय, भारत-माता ।
तुम अन्नपूर्णा वसुंधरा है
तेरा आँचल भाव भरा है
संस्कृत-हिंदी सुंदर भाषा
पूरी करती सबकी आशा
सभी जाति-धर्मों का मेला
यहाँ नही है कोई अकेला
जन-गण-मन से तेरा नाता
जय हे, जय-जय, भारत माता ।
गीत - 3
हम बच्चे हैं
हम बच्चे हैं, हम सच्चे हैं
यही हमारा गान है,
भारत देश महान है....
हम भोले हैं, हम अच्छे हैं
यही देश का मान है
भारत देश महान है....
हम में गाँधी, हम में नेहरु
हम ही में वीर जवान हैं
भारत देश महान है....
हम हैं राजा इस धरती के
यही हमारी शान है
भारत देश महान है....
इस देश में जन्म लिए हम
इस मिट्टी पर कुर्बान हैं
भारत देश महान है....
हम बच्चे हैं, हम सच्चे हैं
यही हमारा गान है,
भारत देश महान है....
- डॉ. नंदन, बचेली (छत्तिसगढ)
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7 पाठकों का कहना है :
डॉ. नंदन,
अभिनंदन है आपका बाल-उद्यान पर। तीनों ही रचनायें उत्कृष्ट हैं और गेय भी। समूह गीत के तौर पर इन रचनाओं का यदि विद्यालयों में प्रयोग हो तो रचनायें शिक्षाप्रद होने के साथ साथ धरोहर होने की क्षमता रखती हैं।
मंच से जुडे सभी अध्यापक वृन्दों से मेरा अनुरोध है कि यदि अपने संगीत अध्यापकों के माध्यम से इन बालगीतों को समूहगीत की तरह रिकार्ड कर हमें प्रेसित करेंगे तो युग्म पर उसे पोडकास्ट करने में हमें हार्दिक प्रसन्नता होगी। युग्म के पोडकास्त सेक्शन से भी मेरा अनुरोध है कि इस दिशा में प्रयत्न किया जाये।
*** राजीव रंजन प्रसाद
बाल उद्यान पर आपका स्वागत है। एक साथ तीन गीत पढ कर अच्छा लगा। आपको बहुत-बहुत बधाई।
बाल-उद्यान पर हृदय से स्वागत है आपका.. तीनों रचनायें बहुत ही उच्चकोटि की..
रजीव जी से पूर्ण सहमत
आपका स्वागत हैं बाल उद्यान में .बहुत ही सुंदर रचनाये हैं ...बहुत-बहुत बधाई।
मुझे दूसरा जीत बहुत अच्छा लगा.
सभी रचना सुंदर है.
बधाई
अवनीश तिवारी
डा० नंदन जी,
बाल-उद्यान पर मैं आपका तहे-दिल से स्वागत करता हूँ। तीनों रचनाएँ वाकई में बड़ी हीं खूबसूरत हैं।
बधाई स्वीकारें।
-विश्व दीपक 'तन्हा'
कक्षा १ से १२ तक कक्षा शुरू होने से पूर्व प्रार्थना पढ़वाई जाती थी, बिलकुल वैसे ही भाव लिये आपके ये गीत हैं। आप चाहें तो अपने स्कूल के संगीत विभाग से इसे सामूहिक गान में बदलवाकर यहाँ प्रसारित कर सकते हैं।
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