Friday, November 9, 2007

दीवाली गिफ़्ट एक्सप्रेस

मोनू को ग्रीटिंग भेजूँगा
नीनू को ई--मेल
अपने सारे फ़्रेंड्स को दूँगा
गिफ़्ट में एक-एक रेल

रेल में डिब्बे पाँच लगेंगे
इंजिन भागम-भाग
रूही दीदी बनी ड्राईवर
मुन्नु भैय्या गार्ड

डिब्बा नं॰ एक में ड्रेसेज
दो में ढेरों स्वीट्स
डिब्बा नं॰ तीन में रख दूँ
प्यारी--प्यारी गिफ़्ट्स

चौथे डिब्बे में कुछ केंडल
चौकलेट ,बाइट्स
मम्मा की पूजा की थाली
डेडी की लाइट्स

और पाँचवें डिब्बे में
कुछ क्रेकर , थोड़े बम
मुन्नु भैय्या गार्ड ये बोले
रुक जा वीनु! थम

बम,क्रेकर ना लोड करूँगा
जाये डिब्बा खाली
ख़तरनाक चीज़ों से बचना
हैप्पी तुम्हें दिवाली
वीनु!हैप्पी तुम्हें दिवाली

प्रवीण पंडित


आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

5 पाठकों का कहना है :

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

प्रवीण अंकल,

मैं भी आपकी गिफ़्‍ट एक्सप्रेस में सवार होना चाहूँगा।

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

बढिया एक्सप्रेस है ई तो हमका बहुत ही भायी..
अराइवल का टाइम जरा अब हमका देओ बताई..
निश्चय ही बच्चे जमकर आनन्द उठायेंगे इसका..
एक ट्रेन हमका भी दे दो टी.टी. बनूँ मैं जिसका..
सारे ड्रेस खिलोने लेकर खाऊँ खूब मिठाई..
बढ़िया एक्सप्रेस है ई तो हमका बहुत ही भाई..

बिना टिकिट क्या खूब घुमाया तुमको बहुत बधाई
हैप्पी दीवाली हैप्पी दीवाली हैप्पी दीवाली भाई..

शोभा का कहना है कि -

प्यारी सी कविता लिखी है प्रवीण जी
बच्चों का तो पता नही मुझे बहुत मज़ा आया । बधाई

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बहुत सुंदर है यह कविता आपकी प्रवीण जी

अभिषेक सागर का कहना है कि -

क्या बढियाँ गिफ़्‍ट एक्सप्रेस है...
मजा आ गया

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)