बजरंग बली हनुमान
बच्चो, १८ अप्रैल को महावीर स्वामी का जन्मदिवस था, जिनकी शिक्षाओं को कविता रूप में सीमा सचदेव आंटी लेकर आई थीं, आज भगवान हनुमान का बर्थडे है, आज उनके जीवन-चरित्र पर कविता बनाकर पुनः हाज़िर हैं, हम सभी की प्रिय सीमा आंटी।
बजरंग बली हनुमान
बच्चो आज मन्दिर में जाएँ
हनुमान जी की बाते बताएँ
श्रद्धा से अपने सर को झुकाएँ
जीवन अपना सफल बनाएँ
.......................................
चैत्र मास की आई पूनम
हुआ श्री हनुमान का जन्म
महाबलि श्री केसरी-नंदन
अंजनिसुत श्री मारुतिनंदन
जाने उनके कितने ही नाम
पर उनका प्रभु एक ही राम
राम-नाम ही उनका जीवन
कर दिया खुद को राम के अर्पण
..........................................
जब सीता को ले गया रावण
तो रोया हनुमान का यूँ मन
कूद के पहुँच गए थे लंका
बजाया राम-नाम का डंका
सोने की लंका को जलाया
सीता को सन्देश सुनाया
...................................
जब करना था सागर पार
वानर सेना थी अपार
सोच रहे थे राम औ लक्ष्मण
सिन्धु पार जाएँ कैसे हम ?
तब पत्थरों पर लिख कर राम
कर दिया एक सेतु निर्माण
सारे सिन्धु को कर गए पार
पहुँच गए लंका के द्वार
.....................................
मूर्च्छित जब हो गए थे लक्ष्मण
तब हनु लेने गए सञ्जीवन
कौन सी बूटी पता न चला
तब पूरा पर्वत उठा लिया
आ कर लखन को दी सञ्जीवन
मिल गया फिर उनको नव-जीवन
.....................................
अजब हनुमान का बुद्धि बल
पर उनका मन हरदम निर्मल
वो तो है शिव का अवतार
राम-नाम जीवन का सार
सबके लिए ही संकट मोचन
तरसे उनको राम के लोचन
........................................
बच्चो तुम भी रखना ध्यान
संकट मोचन श्री हनुमान
हर लेते है सारे ही दुख
उनसे मिलता है परम सुख
श्री हनुमान जयन्ती की आप सबको हार्दिक बधाई एवम् शुभ-कामनाएँ..... सीमा सचदेव

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
6 पाठकों का कहना है :
सीमा जी, मुझे बहुत पसंद आई आपकी कविता। पूरी हनुमान चालीसा का ही सार आपने बता दिया है। जय हनुमान।
सीमा जी
हनुमान जी की जयन्ती पर बहुत उपयोगी जानकारी दी है आपने। बधाई स्वीकारें।
बहुत अच्छे सीमा जी
आलोक सिंह "साहिल"
लगी रहिए सीमा जी।
- बाल - हनुमान चालीसा
*-*-*-*-*-*-*-*-*-*
जै हनुमान ज्ञान गुन सागर।
रसगुल्लो से भरदो गागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
चाकलेट ले आना मामा ॥
महावीर विक्रम बजरंगी ।
खाने को दे दो नारंगी ॥
उम्मीद है बजरंगबली बच्चो की मनोकामना पूरी करेंगें..
सीमा जी बहुत बहुत धन्यवाद जो वीर-हनुमान जयंती पर राम दुलारे केसरीनन्दन का जीवन वृतांत सुनाया और भक्तिमय कर दिया महौल..
-राघव
सीमा जी , हनुमान जयंती पर आपको और सभी को शुभकामनाएं , बहुत ही संक्षिप्त रूप में आपने हनुमान चालीसा का वर्णन कर दिया , बच्चों के लिए निश्चय ही ज्ञानवर्धक है , बधाई
^^पूजा अनिल
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)