Sunday, April 20, 2008

बजरंग बली हनुमान

बच्चो, १८ अप्रैल को महावीर स्वामी का जन्मदिवस था, जिनकी शिक्षाओं को कविता रूप में सीमा सचदेव आंटी लेकर आई थीं, आज भगवान हनुमान का बर्थडे है, आज उनके जीवन-चरित्र पर कविता बनाकर पुनः हाज़िर हैं, हम सभी की प्रिय सीमा आंटी।

बजरंग बली हनुमान

बच्चो आज मन्दिर में जाएँ
हनुमान जी की बाते बताएँ
श्रद्धा से अपने सर को झुकाएँ
जीवन अपना सफल बनाएँ
.......................................
चैत्र मास की आई पूनम
हुआ श्री हनुमान का जन्म
महाबलि श्री केसरी-नंदन
अंजनिसुत श्री मारुतिनंदन
जाने उनके कितने ही नाम
पर उनका प्रभु एक ही राम
राम-नाम ही उनका जीवन
कर दिया खुद को राम के अर्पण
..........................................
जब सीता को ले गया रावण
तो रोया हनुमान का यूँ मन
कूद के पहुँच गए थे लंका
बजाया राम-नाम का डंका
सोने की लंका को जलाया
सीता को सन्देश सुनाया
...................................
जब करना था सागर पार
वानर सेना थी अपार
सोच रहे थे राम औ लक्ष्मण
सिन्धु पार जाएँ कैसे हम ?
तब पत्थरों पर लिख कर राम
कर दिया एक सेतु निर्माण
सारे सिन्धु को कर गए पार
पहुँच गए लंका के द्वार
.....................................
मूर्च्छित जब हो गए थे लक्ष्मण
तब हनु लेने गए सञ्जीवन
कौन सी बूटी पता न चला
तब पूरा पर्वत उठा लिया
आ कर लखन को दी सञ्जीवन
मिल गया फिर उनको नव-जीवन
.....................................
अजब हनुमान का बुद्धि बल
पर उनका मन हरदम निर्मल
वो तो है शिव का अवतार
राम-नाम जीवन का सार
सबके लिए ही संकट मोचन
तरसे उनको राम के लोचन
........................................
बच्चो तुम भी रखना ध्यान
संकट मोचन श्री हनुमान
हर लेते है सारे ही दुख
उनसे मिलता है परम सुख

श्री हनुमान जयन्ती की आप सबको हार्दिक बधाई एवम् शुभ-कामनाएँ..... सीमा सचदेव


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6 पाठकों का कहना है :

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

सीमा जी, मुझे बहुत पसंद आई आपकी कविता। पूरी हनुमान चालीसा का ही सार आपने बता दिया है। जय हनुमान।

शोभा का कहना है कि -

सीमा जी
हनुमान जी की जयन्ती पर बहुत उपयोगी जानकारी दी है आपने। बधाई स्वीकारें।

Anonymous का कहना है कि -

बहुत अच्छे सीमा जी
आलोक सिंह "साहिल"

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

लगी रहिए सीमा जी।

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

- बाल - हनुमान चालीसा
*-*-*-*-*-*-*-*-*-*
जै हनुमान ज्ञान गुन सागर।
रसगुल्लो से भरदो गागर ॥

राम दूत अतुलित बल धामा ।
चाकलेट ले आना मामा ॥

महावीर विक्रम बजरंगी ।
खाने को दे दो नारंगी ॥

उम्मीद है बजरंगबली बच्चो की मनोकामना पूरी करेंगें..

सीमा जी बहुत बहुत धन्यवाद जो वीर-हनुमान जयंती पर राम दुलारे केसरीनन्दन का जीवन वृतांत सुनाया और भक्तिमय कर दिया महौल..

-राघव

Anonymous का कहना है कि -

सीमा जी , हनुमान जयंती पर आपको और सभी को शुभकामनाएं , बहुत ही संक्षिप्त रूप में आपने हनुमान चालीसा का वर्णन कर दिया , बच्चों के लिए निश्चय ही ज्ञानवर्धक है , बधाई

^^पूजा अनिल

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