स्वप्नदर्शी जी सर्वश्रेष्ठ पहलवान
स्वप्नदर्शी जी सर्वश्रेष्ठ पहलवान (दिमागी कुश्ती के )
घोषित किए जाते हैं
उसके पश्चात् नीति जी दूसरे नम्बर पर ,
शन्नो जी को (खाद्यान मंत्रालय ) दिया जायेगा क्यूंकि उनका मन पहेलियों में कम ,खाने में ज्यादा लगने लगा है
हमारे नए अतिथि गगन जी का स्वागत है ,किन चक्करों में फस गए आप यहाँ पहेलियाँ कम खाने की बातें ज्यादा होने लगी हैं ,इतना अवश्य है की शन्नो जी आपकी खातिरदारी में कोई कमी नही रखेंगी
मनु जी को उनके हाल पर छोड़ना ही होगा ,क्यूंकि वो सबसे अधिक मनमौजी विधार्थी हैं
दूसरा कक्षा मॉनिटर चुने का समय आ गया है ,सुमित ही एक अच्छा बच्चा है ,जो पूरी कक्षा पर निगरानी रखने के साथ साथ ,मनु और शन्नो जी को संभाल सकता है सुमित तुंरत अपनी उपस्तिथि दर्ज कराओ
सही उत्तर है -
१)लट्टू
२)नाडी
३)परवाना
४)बांसुरी
५)छींक
नीलम मिश्रा -अब आपसे इजाजत लेती है ,फिर मिलेंगे शनिवार को पहेलियों के साथ
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7 पाठकों का कहना है :
सुमित वैसे उम्र में अभी कुछ ज्यादा छोटे नहीं हैं,,,,,?????
नहीं मैं अपने लिए नहीं कह रहा ,,,
वैसे ही कह रहा हूँ,,,
स्वप्नदर्शी जी,
बधाई हो! आपको नीलम जी ने पहलवान घोषित कर दिया है. लेकिन सोचती हूँ कि आपको पता भी है या नहीं इस खबर के बारे में या आप अब भी बेखबर हैं इस 'आज की ताजा खबर' से, और अपने सपनों की दुनिया में अब भी पहेलियों से मैदान में कुश्ती लड़े जा रहे हैं. क्योंकि आपकी हाजिरी के समय ऐसा लगा कि आपको नींद आ रही थी इसीलिये आप भागने की जल्दी में थे.
और सुमीत जी, आपको भी बधाई मॉनीटर बन जाने पर. तो अब वह मिठाई वाला डब्बा जो नीलम जी को मिलने वाला था वह अब आपका हुआ. मुझे कहना तो नहीं चाहिए लेकिन सवाल यह उठता है कि आपने तो कक्षा में अपनी सवारी लाने का कष्ट ही नहीं किया था फिर यह पदवी किस बात की? आपकी उपस्थिति तो दर्ज ही नहीं की गयी थी. फिर भी डरिये मत क्योंकि चुनावी समय में यह सब फितूर के सवाल उठने लगते हैं दिमाग में. अब आपके मुंह में घी-शक्कर. मुझे लगता है कि नीलम जी को पता ही नहीं चलता है पूरी तरह से कि कब कौन आया और कौन कब गया. अब आपको जिम्मेदारी सौंप दी गयी है तो यह भी सूचना दे दूं कि वह कुर्सी पर का डंडा जो गुरु जी सबको डराने के लिए रख गए थे.....याद आया? उसे कोई चुरा ले गया है. अब सब पूरी तरह से निर्भय हो जायेंगें. खैर, अब आप ही सोचिये अपने तरीके से. GOOD LUCK! (कलियुग में कैसा अंधेर! हो सकता है कि नीलम जी की याददाश्त में कुछ गड़बडी आ गयी हो. कोई यहाँ किसी डॉक्टर को जानता है)?
नीती जी, अगर कोई ऐसी dictionary हो जिसकी हेल्प से नीलम जी वाली पहेलियाँ फटाफट सुलझाई जा सकें तो मुझे भी बताने का कष्ट कीजियेगा. मनु जी के हाथ तो जैसे खजाना ही हाथ लग जायेगा. और आप जितनी भी बार आना चाहें आयें, यह कक्षा आप लोगों की ही है. नीती जी, क्या आप भी कुछ महसूस कर रही हैं कुछ या मुझे ही कुछ जलने कि बू आ रही है इधर-उधर से. तो अब अन्य सभी से मेरा निवेदन है कि आप लोग अब सुमीत जी की राह देखिये और मिलकर उनका स्वागत कीजिये.
और मनु जी, मनु जी, किसी से कोई पंगा नहीं लेना है. ok? ही ही. ही.ही ही.....
और हाँ, एक बात कहना भूल गयी कि मेरे लिए किसी को भी आंसू बहाने की कोई जरूरत नहीं है (पता नहीं कोई बहा भी रहा है कि नहीं?). ऐसा भी होता रहता है कि कभी-कभी 'इसकी टोपी उसके सर' पहुँच जाती है (मैं मनु जी की टोपी की बात नहीं कर रही हूँ, मॉनीटर वाली टोपी की बात कर रही हूँ). लेकिन सुमीत जी हैं कहाँ? लगता है कि नीलम जी अब उन्हें ढूँढने में लगी हुई हैं और सुमीत जी छिपते फिर रहे हैं.
जो हम बोलेंगे तो बोलोगे की बोलता है...
सलिल जी,
आप भी इस बार पहेली की कक्षा से नदारद रहे. क्यों?? और जब दर्शन दिए भी तो हाजिरी लगाकर बिना अपनी बात पूरी किये मन की मन में रखे ही नौ-दो-ग्यारह हो गये. ऐसी भी क्या बात थी जो आप कह नहीं पाये. अब तो suspense के मारे बुरा हाल हो रहा है हम सबका. आपको बोलना ही होगा और जरूर बोलेंगे कि क्या कहना चाहते थे आप. लीजिये मैं अब गिनती गिनती हूँ दस तक १,२,३,४,५,६,७,८,९, और ..........please!
shanno beta is sumit ka pata hi nahi chal rahahai socha to tha ki kuch rotation kiyajaay monitor me magar ab tum aur manu me se chunna hoga ,aur us lihaaj se to tum hi ho sahi monitor .
to aap monitor bani rahengi ,jab tak hume aapki hi tarah ek honhar monitor nahi mil jaata.
chalo ab haso aur lag jaao apne kaam me mustaidi ke saath
ओहो, तो अब शन्नो बेटा याद आ गयी फिर से. चलो ठीक है जैसा आप कहें नीलम जी (your highness). आपने मुसीबत की घड़ी में याद किया और हम आ गए ' तुमने बुलाया और हम चले आये, जान हथेली पर ले आये रे....' मुझ जैसे भोंदू लोगों का काम ही है झट से मुसीबत के समय दूसरों की बात मान लेना. ना नहीं कहूँगी क्योंकि अभी-अभी आपकी 'सच्चा सेवक' सीख वाली कहानी पढ़ी है. यह भी पता है कि 'चार दिन की चांदनी फिर अँधेरी रात'. फिर सुमीत जैसे लोगों के आने पर हम जैसे लोग दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिए जाते हैं. मनु जी फिर साफ़ बच गए. मैं तो समझ रही थी कि सुमीत जी के लापता होने की अवस्था में अगला होनहार candidate मनु जी ही हैं. लेकिन उनका तो पत्ता ही काट दिया आपने. सुमीत जी के संग तो 'चूहा भाग बिल्ली आयी' वाला खेल खेल लिया आपने .....आप ढूंढती फिर रही थीं और वह जान बचा कर छिपते रहे. और फिर..... शन्नो बेटा याद आयीं, है ना. हो गयी ना 'टाँय-टाँय फ़िस्स'. चलो कोई बात नहीं, मैं समझ लूंगी मनु जी का भला कर दिया. यहाँ situation ऐसी हो गयी है जैसे: 'लौट के बुद्धू घर को आये' (यह नहीं सोच पा रही हूँ कि किस पर लागू होती है मुझपर या......शायद मनु जी बता सकें). मॉनिटर के चुनाव में मुझे फिर से उस kursi पर बिठा दिया है जहाँ से दो दिन पहले मुझे धक्का दे दिया गया था. ..हा हा हा हाह haahaa ...... वैसे बात क्या है, सुमीत जी कहाँ हैं, किस हाल में हैं? उनके लापता होने की स्थिति बड़ी सोचनीय है. लगता है कि अब आपको उनकी कहीं रिपोर्ट दर्ज करनी होगी ताकि कोई उन्हें ढूंढ कर आप के सामने हाज़िर कर सके. अगर कोई सफलता मिलती है इस दिशा में तो शीघ्र ही सूचना दीजियेगा. बड़ी चिंता का विषय बन गया है कि आखिरकार हुआ क्या उनका.
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