प्रकृति
सुंदर फूल, शीतल हवा,
पढ़ा था अपनी पुस्तक में पृष्ठ नवाँ,
यह प्यारे फूल और पेड़,
नदियाँ, झरने, पौधे अनेक।
जब पड़ती है धूप प्यारे फूलों पर
खिल जाती हैं कलियाँ, हट जाता है सब उनके मन से डर,
जब सुंदर मोर फैलाता है अपने पंख
तब रंगों की सुन्दरता हमें दिखती है संग
सच में सुहावना होता है यह दृश्य
कुछ ही लोगों को देखने को मिलता है यह दृश्य
क्योंकि सिर्फ़ मेरे ही देश में ही हैं ऐसे दृश्य,
जिन्हें देखकर कह उठती हूँ मैं वाह !!!!!!!!!!!!!!!!!
पाखी मिश्रा
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11 पाठकों का कहना है :
पाखी विटिया,
बहुत सुंदर है तस्वीर और कविता भी उतनी ही सुंदर. बेटा, सुंदर-सुंदर दृश्य तो दुनिया भर में फैले हुये हैं, लेकिन जो प्राकृतिक दृश्य अपने देश भारत की धरती पर फैले हैं, उनका अहसास ऐसा होता है जैसे एक वच्चा अपनी माँ को देखकर गर्वित हो और सुकून पा रहा हो.
कविता में शब्द-चयन बड़ा प्यारा है. बहुत बधाई!
बहुत सुन्दर.
{ Treasurer-T & S }
very good, well done my laado ,poem is really very nice. waiting 4 second one.al d best.
प्यारी पाखी ,
असीम प्यार .
जितनी सुंदर तस्वीर उससे भी ज्यादा सुंदर कविता है . बहुत ही सुहावना शब्द चित्र खिंचा है. बधाई .
बहुत प्यारी!
bahut achcha likha hai paakhi.
Keep it up:)
pata hi nahin chala kab tumhare shabd itne gahre ho gaye.
पाखी बेटा कितने सुंदर शब्दों का प्रयोग किया है आप ने बहुत अच्छी कविता लिखी है .सच में अपना देश बहुत सुंदर है मेरा प्यार और आशीर्वाद आप के लिए
रचना
बहुत प्यारी कविता लिखी है बेटे..
सुंदर फूल, शीतल हवा,
पढ़ा था अपनी पुस्तक में पृष्ठ नवाँ,
यह प्यारे फूल और पेड़,
नदियाँ, झरने, पौधे अनेक।
हवा और नवां को मिलाते देखना बहुत भाया...
और चित्र भी सुंदर खोजा है...
ऊऊम्म्म्म मुग़ल गार्डन ..?????????
बहुत सुन्दर.
सुंदर फूल, शीतल हवा,
पढ़ा था अपनी पुस्तक में पृष्ठ नवाँ,
यह प्यारे फूल और पेड़,
नदियाँ, झरने, पौधे अनेक।
वाह!
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