स्वयं अपना मूल्यांकन सम्भव नही
एक बार कला कौशल के देवता -बुद्ध-को एक अनोखा विचार आया वे यह जानने के लिए उत्सुक हो उठे कि कि धरती के वासी अन्य देवताओं की तुलना में उनका अंकन कैसे करते हैं अतः एक मनुष्य का वेश बनाकर वे धरती पर उतर आए घूमते -घुमाते वे एक मूर्तिकार के घर जा पहुँचे वह मूर्तिकार देवताओं की मूर्तियाँ बनाने के लिए विख्यात था बुद्ध देव ने विभिन्न देवताओं की मूर्तियाँ उसके घर में पड़ी देखीं उनमे उनकी अपनी मूर्ति भी थी
बुद्धदेव मूर्तिकार के पास जाकर बोले ,"देवताओं के गुरु ब्रहस्पति की मूर्ति का क्या मूल्य है ?"
"सौ रुपये " मूर्तिकार ने उत्तर दिया
"और देवी शचि की मूर्ति कितने की है ?"उन्होंने पूछा
"पचास रुपए की "मूर्तिकार ने कहा

बुद्ध देवता की मूर्ति की कीमत क्या है उन्होंने पूछा
"यदि आप ये दोनों मूर्तियाँ खरीद लें तो बुद्ध की मूर्ति आप को मुफ्त में दे दूँगा "मूर्तिकार ने उत्तर दिया बुद्धदेव अपना सा मुहँ लेकर लुप्त हो गए

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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4 पाठकों का कहना है :
रोचक प्रसंग है और प्रेरक भी।
अपने महत्व को जानने की कोशिस न करने में ही भलाई है।
अच्छी सीख देने वाला प्रसंग है।
सुंदर शुरुआत,नीलम जी.
आलोक सिंह "साहिल"
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