Saturday, November 15, 2008

सपने

सपने देखो इतने ऊंचे,
उठा है जितना गगन ऊंचा.
सफल न हो पाए जो सपने,
निराश न होना सब अपने.

हौसला जो हो बुलंद,
लगन जिसमें हो उमंग.
तो कार्लो तुम काम तुंरत,
सफलता मिलेगी तुम्हे फ़ौरन.

मेहनत पर टिकी दुनिया है,
अब तो आगे बढ़ना है.
काम मेहनत से करके हमें,
दुनिया में खुशहाली लाना है.

प्राची दुसद
९वी कक्षा ,
एस. बी. ओ . ए. पब्लिक स्कूल, औरंगाबाद


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6 पाठकों का कहना है :

शोभा का कहना है कि -

वाह! कितनी सुन्दर बात कही है बिटिया। सपने ही तो जीवन डोर हैं। तुम भी सदा सपने देखना और उनको पूरा करने का संकल्प रखना। आशीर्वाद सहित

Anonymous का कहना है कि -

क्या ये रचना वाकई कक्षा १ की बच्ची ने की है? अगर की है तो उस बच्ची को मेरा प्यार और आशीर्वाद!

roushan का कहना है कि -

बहुत अच्छा

महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Verma का कहना है कि -

अच्छी रचना है. शुभकामनाएँ.

neeti sagar जी कक्षा १ नहीं ९ है.

धन्यवाद.

आपका
महेश

neelam का कहना है कि -

मेहनत पर टिकी दुनिया है,
अब तो आगे बढ़ना है.
काम मेहनत से करके हमें,
दुनिया में खुशहाली लाना है.

sahi baat hai beta ,may god give u
all the aspiration to fulfil your dream .

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

सुन्दर शब्द व भाव पिरोये हैं प्राची ने...

बहुत बढिया...
बहुत बहुत शुभकामनायें..

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