सपने
सपने देखो इतने ऊंचे,
उठा है जितना गगन ऊंचा.
सफल न हो पाए जो सपने,
निराश न होना सब अपने.
हौसला जो हो बुलंद,
लगन जिसमें हो उमंग.
तो कार्लो तुम काम तुंरत,
सफलता मिलेगी तुम्हे फ़ौरन.
मेहनत पर टिकी दुनिया है,
अब तो आगे बढ़ना है.
काम मेहनत से करके हमें,
दुनिया में खुशहाली लाना है.
प्राची दुसद
९वी कक्षा ,
एस. बी. ओ . ए. पब्लिक स्कूल, औरंगाबाद
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6 पाठकों का कहना है :
वाह! कितनी सुन्दर बात कही है बिटिया। सपने ही तो जीवन डोर हैं। तुम भी सदा सपने देखना और उनको पूरा करने का संकल्प रखना। आशीर्वाद सहित
क्या ये रचना वाकई कक्षा १ की बच्ची ने की है? अगर की है तो उस बच्ची को मेरा प्यार और आशीर्वाद!
बहुत अच्छा
अच्छी रचना है. शुभकामनाएँ.
neeti sagar जी कक्षा १ नहीं ९ है.
धन्यवाद.
आपका
महेश
मेहनत पर टिकी दुनिया है,
अब तो आगे बढ़ना है.
काम मेहनत से करके हमें,
दुनिया में खुशहाली लाना है.
sahi baat hai beta ,may god give u
all the aspiration to fulfil your dream .
सुन्दर शब्द व भाव पिरोये हैं प्राची ने...
बहुत बढिया...
बहुत बहुत शुभकामनायें..
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