बच्चों की दुनिया
बच्चों की है दुनिया प्यारी
लगती ज्यों फूलों की क्यारी
रंग रंग के फूल खिले हैं
महके यह बगिया फुलवारी ।
 
गूंज उठे जब घर किलकारी
सद के जाए माँ बलिहारी
भोली सूरत मोहित करते
वारी जाए दुनिया सारी ।
 
लड़ना, भिड़ना और झगड़ना
लेकिन फिर से घुल मिल रहना
पल भर में सब भूल भुला कर
मिलजुल कर फिर संग खेलना ।
 
पल में रूठें, पल में मानें
नहीं किसी को दुश्मन जानें
अजनबी हो कोई भले ही
खेल - खेल में अपना मानें ।
 
कोमल मन है, निर्मल बातें
हृदय खोल अपना दिखलाते
संग बिता कर कुछ पल देखो
प्रभु के दर्शन हम पा जाते ।
 
कवि कुलवंत सिंह

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6 पाठकों का कहना है :
bahut bdhiya bahi sahab .
गूंज उठे जब घर किलकारी
सद के जाए माँ बलिहारी
भोली सूरत मोहित करते
वारी जाए दुनिया सारी ।
"bhut masum or pyaree kaveeta'
regards
कोमल मन है, निर्मल बातें
हृदय खोल अपना दिखलाते
संग बिता कर कुछ पल देखो
प्रभु के दर्शन हम पा जाते ।
पल में रूठें, पल में मानें
नहीं किसी को दुश्मन जानें
अजनबी हो कोई भले ही
खेल - खेल में अपना मानें ।
कोमल मन है, निर्मल बातें
हृदय खोल अपना दिखलाते
संग बिता कर कुछ पल देखो
प्रभु के दर्शन हम पा जाते ।
अच्छा लिखाहै
thanks daer friends!
गूंज उठे जब घर किलकारी
सद के जाए माँ बलिहारी
भोली सूरत मोहित करते
वारी जाए दुनिया सारी ।
सुन्दर......
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