Tuesday, October 9, 2007

नेता जी की जय हो...

प्यारे बच्चो,

नियमित बाल-साहित्य-सृजक की अनुपस्थिति में हमारा प्रयास रहता है कि आपकी रचनाओं को भी हिन्द-युग्म के इस मंच पर जगह दी जाय ताकि आपकी रचानात्मकता भी निख़र कर बाहर आ सके। यदि आप भी लिखते हैं तो शर्माना छोड़िये और अपनी रचनाएँ, परिचय व फोटो सहित bu.hindyugm@gmail.com पर भेजिए। बच्चो, इसी कड़ी में आज आपके समक्ष औरंगाबाद, महाराष्ट्र के आशीष जिने अपनी रचना "नेता जी की जय हो..." लेकर आये हैं। इनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है -


-: नाम :-
आशीष जिने

-: कक्षा :-
दसवीं

-: विद्यालय :-
एस. बी. ओ. ए. पब्लिक स्कूल

-: शहर :-
औरंगाबाद, महाराष्ट्र



नेता जी की जय हो...


हमारे नेता का क्या कहना
अपने कारनामों से पहनाते भारत को गहना

अपने भाषणों में देते सबको सीख
वोट पाने के लिये माँगते हैं भीख

लोग भगवान समझकर छूते इनके चरण
उन्हें क्या पता इन्होंने किया है विश्वास का अपहरण

संकट आने पर कहते हैं कर देंगे भरपाई
हर नागरिक पर छाई है ये रुसवाई

भारतीय नेता और ईमान
जैसे सरदारों की बस्ती में नाइ की दुकान

महापुरुषों के पीठ पीछे करते हैं अपमान
कब सीखेंगे सबक ये बेईमान?


- आशीष जिने


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13 पाठकों का कहना है :

Pramendra Pratap Singh का कहना है कि -

बहुत खूब,

आपकी लेखनी में जान है, निश्चित रूप से आप भविष्‍य के अच्‍छे रचनाकार साबित होगें।

मै आपके उज्‍जवल भविष्‍य की कामना करता हूँ।

आपने कविता में एक जागरूक छात्र का रूप दिया है।

शुभकामनाएं

Avanish Gautam का कहना है कि -

आशीष एक अच्छी कविता के लिए बधाई! खूब लिखो! लिखते रहो!

..बस एक बात है कि राजनीति बुरी चीज नहीं है और नेता बहुत ज़रूरी है देश को दिशा देने के लिये..इसकी समझ विकसित करते रहना..


एक बार फिर से शुभकामनाएं.

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

अगर भारत का भविष्य इतना जागरुक है तो सुरक्षित भी है। आषीश, आपकी उम्र के बच्चे अगर अपने आसपास को महसूस कर रहे हैं, व्यवस्था को सोच रहे हैं तो यह महत्वपूर्ण है।

बहुत अच्छा लिखा है आपनें।

*** राजीव रंजन प्रसाद

सागर नाहर का कहना है कि -

बहुत बढ़िया

शोभा का कहना है कि -

प्रिय आशीष
बहुत ही बढ़िया लिखा है । इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति और इतनी कम उम्र में ? बहुत-बहुत बधाई ।

नीरज दीवान का कहना है कि -

ओज है. व्यंग्य है.. बढ़िया समझ है. लगे रहो छोटे भाई.

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बहुत ही सुंदर लिखा है आपने भाव बहुत सुंदर हैं
यूं ही आगे भी लिखते रहें ......
इंतजार रहेगा आपके लिखे हुए को पढने का
शुभकामनाएं
रंजना

अभिषेक सागर का कहना है कि -

आशीष,
बहुत सुंदर कविता...
इतनी कम उम्र मे इतनी अच्छी कविता...
देश के प्रति इतनी अच्छी भावना .. हम सब मे होनी चाहिये..

anuradha srivastav का कहना है कि -

आशीष बहुत ही अच्छा और सटीक लिखा। ये पंक्तिया विशेष रुप से अच्छी लगी-
भारतीय नेता और ईमान
जैसे सरदारों की बस्ती में नाइ की दुकान
तीखा व्यंग्य है। तुम्हारे उज्जवल भविष्य की कामना के साथ !!!!!

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

लेखनी में जान है..
भविष्य की पहिचान है..
लिखते रहना यूँ ही हरदम
गजब का सन्धान है..

इक्कीस हो इक्कीस हो..
कहीं से नहीं उन्नीस हो.
माँ शारदे का आशीष है..
तुम वही आशीष हो..

- मेरी शुभकामनायें.

Unknown का कहना है कि -

प्रिय आशीष

इतनी कम आयु में इतनी अच्छी राष्ट्रीय सोच
ईश्वर आप और आपकी लेखनी को चिरायु करे
स्नेहशीष

विश्व दीपक का कहना है कि -

आशीष,
शुभ आशीष! बहुत हीं खूबसूरत रचना लिखी है तुमने। अभी से हीं देश-दुनिया की समझ रखते हो। यह बहुत हीं अच्छी बात है। ऎसे हीं लिखते रहो। आगे चलकर जरूर एक बड़े कवि बनोगे।

-विश्व दीपक 'तन्हा'

गीता पंडित का कहना है कि -

प्रिय आशीष,


बहुत ही अच्छी कविता
इतनी कम उम्र में...
बहुत बढ़िया....

बधाई ।

लिखते रहो!


शुभकामनाएं.

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