कुत्तों की सभा
आज हम आपका परिचय बाल लघु-नाटककार से करवाने जा रहे हैं।
नाम: ओंकार कॉरवार,
कक्षा: नौवीं,
स्कूल: एस. बी. ओ. ए.पब्लिक स्कूल,औरंगाबाद.
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( गली के आवारा कुत्ते मैदान में...............)
मॅनिटर : हाँ तो सब कुत्ते आ गए? खुजली करने वाले, कटे कान वाले, भौंकने वाले और काटने वाले.....?
कुत्ता2: पर आज क्यों हम यहाँ इकट्ठे हुए?
मॅनिटर : अपना दोस्त है ना, जो हच के एड में काम करता है , उसका जन्मदिन है। उसने हम सभी को बुलाया है. चलोगे?
कुत्ता3: बहुत अच्छा! बहुत दिनों से ढंग का खाना भी नही खाया है (जब से हम सभी मिलकर उस लड़की को काटा है तब से लोगों की मार ही खा रहे हैं ...)
कुत्ता 4: और नही तो क्या ............
कुत्ता5: पर उसका जन्मदिन तो दो दिन बाद है ना, अभी अगर म्यूनिसिपॅलिटी ने देख लिया तो ?
मोनिटर: ऐसा कुछ नहीं होगा. हम पूरे आठ कुत्ते हैं यूँ भाग जाएँगे ...
कुत्ता6: हम उसे क्या उपहार देंगे?
कुत्ता7: हाँ ...सोचना पड़ेगा...अब तो वह हच का नहीं रहा वोड़ा फोन का हो गया है............
मॅनिटर : चिंता मत करो। कल निमंत्रण देने जब उसका सेक्यूरिटी गार्ड आया था, कहा था...उपहार लाना मना है... समझे? अब तो वह हीरो हो गया है।
कुत्ता2: बॉस ! सचमुच उसने तो हम कुत्तों का नाम रोशन कर दिया.. क्या शान है उसका। अच्छा हुआ आप का बचपन का दोस्त निकला वरना हम तो जा भी नही सकते थे।
कुत्ता5: मैंने देखा था, एक लड़के के पीछे दुम हिलाते- हिलाते जा रहा था और तो और उसके गद्दी पर भी सो जाता था।
कुत्ता6: और हमें अभी ज़मीन भी मुश्किल से मिल रही है।
कुत्ता4: अरे वह तो गर्निओर की एड में भी काम कर चुका है. ख़ास उसके जैसे झूर्रियों के लिए कंपनी वालों ने ख़ास क्रीम निकाला है!
कुत्ता1: उसे तो बात करना भी आता है !होली वुड पिक्चर में बिल स्मिथ के साथ में न इन ब्लॅक में।
कुत्ता3: मैनें सुना है वह सलमान ख़ान,प्रियंका चोपड़ा और अक्षय कुमार के साथ भी काम कर चुका है. और पता है? अमरीश पूरी को काटा भी था।
कुत्ता7: यही तो फ़र्क है, अमरीश पूरी को काटकर भी वह बच गया... और हमने काटा तो लोग जान के पीछे हाथ धो कर पड़े हैं।
मॅनिटर: हाँ........ हमारी संख्या भी कम करने के पीछे सरकार पड़ी है. जनसंख्या रोक नहीं पाई और हमारी जनसंख्या रोकने की कोशिश में जुटी है।
कुत्ता6: और कौन- कौन आएँगे?
मॅनिटर: मैंने सुना है रेडियो मिर्च के दो पुंछ कटे कुत्ते, पे डिग्री के एड मे काम किया है न वो क्रीम कलर का मोटा कुत्ता और हाँ सलमान ख़ान, प्रियंका चोपड़ा और अक्षय कुमार भी
कुत्ता1: देखो- देखो म्यूनिसिपॅलिटी की गाड़ी आ रही है भागो रे भागो.........
मॅनिटर: सब के सब दो दिन बाद ठीक सात बजे पहुँच जाना . अब हम पार्टी में मिलेंगे............
(बाल-उद्यान, बाल नाटककार को इस उत्कृष्ट कृति के लिये बधाई देता है)
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8 पाठकों का कहना है :
ओंकार,
तुम्हारी प्रतिभा विलक्षण है। नाटक लिखना आसान कार्य नहीं है और यह तुमने बखूबी किया है। कुत्तों के माध्यम से बहुत से विषय इस लघुनाटिका में उठाये गये हैं जो तुम्हारे नन्हे मष्तिष्क में उमडती बडी-बडी सोच को दर्शाते हैं।
तुम अपने ही उम्र के बच्चों के लिये प्रेरणास्त्रोत हो। बहुत बधाई।
*** राजीव रंजन प्रसाद
बहुत सुंदर ओंकार। बधाई। इसी प्रकार लिखते रहो। तुम्हारे अंदर एक अच्छ व्यंग्यकार जन्म ले रहा है।
कमाल है ! आपके लेखन और कल्पनाशीलता से आपकी उम्र का पता ही नही चलता। बहुत खूब ओंकार आगे भी लिखते रहें। आपको शुभकामनाएं .
प्रिय ओंकार,
वास्तव में बहुत ही सराहनीय काम किया है, कुशल कारीगर लग रहे हो लेखनी के,
लिखते रहियेगा.
बहुत बहुत बधाई
-राघव
ओंकार.................
इस लघुनाटिका में आप ने जो कुछ भी लिखा सराहनीय है...आप और नाटक लिखें
समाज में घटने वाले आस-पास की समस्याओं को भी लेकर चलें...आपने हालही में छोटी सी बच्ची
के साथ हुई दुर्घटना को भी सामने रखा...सरकार के उपक्रम को भी रखा ..
कुत्तों का ग्रेड भी दिखाया... बढ़िया है....
बधाई....
-सुनीता यादव
वाह ओंकार जी!
मजा आ गया आपका यह नाटक पढ़ कर. बहुत अच्छा लिखा है आपने. इसी तरह लिखते रहो. हम सब की तरफ से आपको बहुत बहुत शुभकामनायें!
बाल -उद्यान पर नाटक की कमी थी बस वह भी पूरी हो गई ..बहुत सुंदर कोशिश है यह आपकी ओंकार!!
औंकार भाई,
सच में आपने सड़कछाप कुत्तों की दुर्दशा पर अच्छा व्यंग्य किया है। इसी प्रकार लिखते रहें।
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