Tuesday, October 16, 2007

टिटरी बनाईये

नमस्ते दोस्तों,

मुझे एक बढिया चीज़ बनाना आता है। आज सोचा क्यों ना आप सभी को बतलाऊँ उस चीज़ को जिसे मैं टिटरी कहता हूँ कैसे बनाया जाता है।

हमे कुछ घरेलू चिज़ों कि जरूरत होगी। यें चिज़े बडी आम चिज़े हैं। आसानी से घर में मिल जाती हैं।

१. कोल्ड ड्रिंक बोतल का ढक्कन
२. बालों को लगाने वाली रबर बेंड, हम उसे तोड कर सिधी कर लेंगे
३. शर्ट को लगाने वाली बटन, जिसमें दो छेद होते हैं।
४. सिलाई का धागा
इन सारी चिज़ों को इकठ्ठा करते ही हम अपनी टिटरी बनाने का काम शुरू कर सकते हैं। तो चलिये देर किस बात कि, हम तुरंत अपना काम शुरू करते हैं।


पहले सारी चिज़े एक जगह रख लिजिये।

अब हमें सिधा किया हुआ रबर बेंड लेकर बटन के एक छेद मे डालना है।उसके बाद रबर को बोटल के ढक्कन से बाँध देना है। इससे बटन अब ढक्कन पर खडा रहेगा।


रबर बटन के साथ बोटल के ढक्कन पर बाँधकर ठीक से गाँठ लगा लें। चित्र में उपर ढक्कन के पिछे से जिस तरह दिखना चाहिये वह बताया गया है।

अब हमे सिलाई वाला धागा लेना है। उस धागे पर निचे दिखाया है उस तरह गाँठें लगानी हैं। दो गाँठों के बीच एक एक इंच फासला रहे तो बेहतर।
अब उन गाँठे लगे उए धागे को बटन के दुसरे छेद मे पिरोएँ और एक गाँठ लगा लें । लो जी ये हो गई टिटरी तैयार।
अब आप अगर धागे को पकड कर धिरे से छोडते जाएँगे तो हमारी टिटरी टटर टटर ऐसा आवाज़ करने लगेगी। आप बना कर देखिये और मुझे बताईये टिप्पणी करके के आपको ये चिज़ कैसे लगी?

~ तुषार जोशी, नागपुर


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9 पाठकों का कहना है :

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

:)

तुषार जी यह टिटरी तो बडी मजेदार वस्तु है। आज ही बनाता हूँ, बिटिया के द्वारा अपनी नींद ध्वस्त किये जाने वाला यह सामान। बच्चों को सुन्दर ध्वन्यास्त्र दिया है आपने। रोचक।

*** राजीव रंजन प्रसाद

Dr. Zakir Ali Rajnish का कहना है कि -

तुषार जी, इतनी बढिया चीज बताने के लिए शुक्रिया। वाकई आपने बचपन याद दिला दिया।

शोभा का कहना है कि -

तुषार जी
बचपन की याद दिला दी आपने । अच्छा है । इसी प्रकार जानकारी बाँटते रहें । सोचती हूँ एक टिटरी मैं भी बना
ही लूँ । स स्नेह

Udan Tashtari का कहना है कि -

सही है-अब टिटरी बनाई जायेगी.

अभिषेक सागर का कहना है कि -

तुषार जी,
बहुत अच्छी जानकारी, बचपन मे खेलते समय यह ध्यान ही नही था कि इसे बनाना इतना आसान है...
धन्यवाद... सचमुच बचपन की याद ताजा कर दी..

रंजू भाटिया का कहना है कि -

:) बना के देखी हमने ..बहुत आवाज़ करती है
शुक्रिया इसको बताने का !

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

अजी अब हम क्या कहें, टिटरी ही कहेगी..
बहुत टिटर टिटर करती है जी..
अब आयेगा मज़ा बच्चों के साथ खेलने का..
बहुत बढिया धव्नियंत्र दिया जी बहुत बढिया..

आभार

गीता पंडित का कहना है कि -

तुषार जी !

बहुत बढिया..टिटरी.....
बचपन की याद ताजा कर दी..

धन्यवाद...

विश्व दीपक का कहना है कि -

बहुत हीं बढिया चीज सीखा दी आपने। अब तो इसे मैं भी बनाऊँगा और बचपन के दिन याद करूँगा।

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