तपन और सुमित को बुद्धिमान बताया जाता है ,(सारे नियमो का अक्षरश; पालन करने पर )
तपन और सुमित को बुद्धिमान बताया जाता है ,(सारे नियमो का अक्षरश; पालन करने पर )
शोभा जी विशिष्ट अतिथि के तौर पर दर्शक दीर्घा से ही शन्नो जी और आचार्य जी की कुश्ती ,यानी दिमागी कुश्ती देखती रही ,और अगली बार इसमें भाग लेने का पूरा मन बना चुकी हैं
विनय जी ,dreamer ji ,चौहान जी अनुपस्थित हैं ,शन्नो जी नोट कर ले कृपया
उत्तर हैं
१)पायजामा
२)दाढी
३)मच्छर
४)कंघी
५)धोती
तो फिर शन्नो जी सबसे होनहार बालिका सिद्ध हुई हैं,
इसलिए उनकी उम्र मात्र ...........हो गयी है आप ऐसे ही मुस्तैदी से अपना काम करिए प्रोन्नति के अवसर तो सदैव रहेंगे ही आप के पास ,अब आप किस उम्र की हैं ,चाहें तो मनु जी को चुपके से उन्हें बता दीजिये ,वैसे हमारा मशवरा तो है की आप न ही बताएं तो बेहतर है ,वो हमारे बुजुर्ग कह ही गए हैं ,
बंद मुट्ठी लाख की खुल गयी तो ख़ाक की ,
किसी ने अपनी उम्र नहीं बतायी सिर्फ दो लोगों को छोड़कर ,तो प्रतियोगिता के नियम न मानने पर आप को ............................. एक मौका और दिया जाता है ,
अगली बार नियम न मानने पर आपसभी को सख्त सजा दी जायेगी
मनु जी को दो तीन रंग बिरंगी टोपियों का उपहार दिया जायेगा क्योंकि अब थोडा ध्यान से दिया गया कार्य करते हैं ,
राघव जी के क्या कहने दोस्तों ,वो एक ओझा के चक्क्कर लगा रहे हैं ,क्योंकि उनके हिसाब से जो नक़ल करेगा उसे चुडैल डराएगी ,कभी बचपन में की गयी नक़ल की सजा अब भुगत रहें हैं कोई तो उनकी मदद करो प्लीज़
नीति शिकायत करना अच्छी बात नहीं होती है ,कभी ध्यान मनु जी पर ,कभी शन्नो जी पर यही हाल रहा तो पिछड़ जाओगी मन लगाकर पढाई करो ,मेरा मतलब पहेलियाँ बूझो
आचार्य जी अब मनमौजी होते जारहें हैं ,(शन्नो जी की शिकायतों पर गौर जरूर करें)
अगले शनिवार तक के लिए खुदा हाफ़िज
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16 पाठकों का कहना है :
पहले पिछली पोस्ट तो पढ़ कर आऊँ के इन दोनों ने क्या जवाब दिया था,,
परिणाम जानने के बाद खुसुर-पुसुर चालू हो गयी है. नीलम जी, आशा है कि आपको इस तरह का नतीजा सुनाने के बाद कोई खतरा नहीं होगा किसी से. मेरा मतलब छात्रों से है. और फिर होना भी नहीं चाहिए क्योंकि आप नतीजा सुनाने के बाद इधर-उधर के चक्कर लगाने के चक्कर में व्यस्त हो जाती हैं. और आचार्य जी की बेखबरी की खबर तो पता ही है ही सबको. अब क्या छुपाना,वो हवा-पानी बदलने के चक्कर में फिल्में देखने के चक्कर में रहते हैं अक्सर. और खासतौर से दो छात्र (जो ही-ही,और टर्र-टर्र करने वाले हैं)वो अक्सर गाते रहते हैं:
'बदले-बदले से मेरे आचार्य नज़र आते हैं
class की बर्बादी के आसार नज़र आते हैं'
और मेरे बारे में पूछती हैं तो बताती हूँ:
'मुझको करना पड़ता है सबको control
बड़ा difficult होता है monitor का role
लेकिन जिन्होंने उड़ाई थी मेरी खिल्ली
वो अब बन गए हैं एक भीगी सी बिल्ली.'
बच्चे अब और भी चंट हो गए हैं. जल्दी से हाजिरी लगाकर और एक दूसरे की नक़ल टीप कर या तो शोर मचाते हैं या गायब हो जाते हैं किसी न किसी बहाने से. हर समय अपनी अकल न लगाकर नक़ल करने के ही चक्कर में रहते हैं. धड़ल्ले से खुले आम नक़ल-बाजी चलती है class room में. मोबाइल पर भी answer पूछते हुए मैंने पकड़ा है कई बार. और बेखबर आचार्य जी को फूल बनाते रहते हैं अच्छे नंबर लेकर. शर्म आ रही है कि मेरी निगरानी में भी यह लोग मनमानी करते रहते हैं और मेरी ही उल्टे चुगली खा देते हैं जैसे कि एक नीति नाम की शिष्या ने कल किया था. और भी कुछ आप के कान में चुपके से बतायूं वह यह कि अजित जी और सीमा जी भी अब गायब रहने लगीं हैं उन छात्रों के अलावा जिनके नाम आपने लिए हैं.
उम्र के बारे में पूछा है तो कहूँगी:
'पर्दा न उठाओ पर्दा जो उठ गया तो फिर...'
आपने ने खुद भी कहा है:'बंद मुट्ठी लाख की खुल गयी तो खाक की'
मेरा भी खुद का कहना है:'उम्र के बारे में कद्र करती हूँ आपकी बात की'.(वल्लाह!)
फिर कहीं ऐसा न हो कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया.
देखिये हम दोनों किस topic के चक्कर में पड़ गये बिना मतलब के, है ना?
सबको अगले हफ्ते तक के लिए अलविदा!
'
जाते-जाते कुछ भूल गयी थी पूछ्ना (यह मेरा वार्तालाप संछिप्त ही है), वो यह कि आपने मुझसे विनय जी, dreamer ji (शायद इतने सपने देखने लगे हैं कि पहेलियों के उत्तर देना ही भूल गए) और चौहान जी की अनुपस्थिति पर या पहेलियों के उत्तरों पर ध्यान को कहा था. वैसे मैंने दोनों पर ही गौर कर लिया है. आपको सूचना देनी है कि कुछ लड़कियां भी कक्षा से नदारद रहने लगीं हैं आपका ध्यान शायद नहीं गया है इसपर. यह जानकार बड़ा हर्ष हुआ कि तपन और सुमीत अपना नाम headlines में देख कर ख़ुशी के मारे एक disco, जो 'झूमर' नाम से प्रसिद्ध है, में आज रात पार्टी दे रहे हैं. कुछ लोग दुखी लग रहे हैं और हा-हा और टर्र-टर्र की आवाजें नहीं सुनाई पड़ रही हैं.
एक और खबर मिली है उड़ते-उड़ते कि फिल्म देख कर लौटे गुरु जी घर आये तो चाय बनाते हुए गानों की धुन पर इतना ध्यान कर रहे थे कि चाय में चाय-मसाला डालने की वजाय गरम मसाला डाल गए पर गाने की धुन में पी गए. तो मतलब है मेरा कि आप यह नयी चाय कि recipe लिख लीजिये और क्लास में भी विद्यार्थी सीख लें और अगले मातृ-दिवस पर अपनी-अपनी माताओं को यह स्पेशल चाय बनाकर दें. हर बच्चा अपनी माँ से बहुत प्यार करता है, इतना तो आपको पता ही है. है ना?
नीलम जी
आपका अंदाज़ बहुत प्यारा है।
ये टर्र टर्र कहीं मुझे तो नहीं बोला जा रहा,,,,??
::))
कुछ लोग इतनी कुशाग्र बुद्धि वाले हैं कि उन्हें पता ही नहीं चलता कि वह ही-ही करते हैं या टर्र-टर्र. हो सकता है टर्र-टर्र वाला छात्र अनजान हो इस खबर से. नीलम जी, कृपा करके आप इस छात्र की शंका-समाधान कीजिये. मुझे धमकी दी जा रही है, और मैं अपने मुंह से कुछ नहीं कहना चाहती हूँ कि ही-ही करने वाले का नाम (म) से और टर्र-टर्र वाले का नाम (र) से शुरू होता है. इस पहेली का उत्तर जो आप दें वह सही होगा. कम में ही अधिक कहा समझियेगा. मैं चुप हूँ अब. शेष कुशल. आपके उत्तर की प्रतीक्षा में .....एक बहुत डरी हुई -
कक्षा-monitor
शुक्र है के ये हम नहीं हैं,,
असल में हमें मेंढक से बहुत dar लगता है,,
ही,,,ही,,,ही,,ही,,,,
बिना बात की बात से, हुई बात-बेबात.
बात-बात में तात से, कौन कर गया घात?
कौन कर गया घात? बिना बरसात टर्र-टर.
ही-ही, हा-हा कौन कर रहा? खुद मानीटर.?
संचालक ने चाल चली है फतह-मात की.
'सलिल'-साधना बात-बात से बिना बात की
entry हुई देर में, पर धन्य हमारे भाग
सब प्रसन्न हैं यहाँ, जो आप पधारे आज
अपनी class संभालिये, लेकर इसका चार्ज
जान सकेंगे आप तब, इन छात्रों के राज़.
अरे वाह तपन भैया और मेरा नाम हेडर पर
कक्षा-monitor जी,
मै कक्षा मे दूसरे नम्बर पर हाजिर हुआ था पर अंतरजाल(internet) मे तकनीकी समस्या के चलते हाजिरी नही लगवा पाया :-)
देखो तो, आचार्य जी के आगमन करते ही ये रत्ती भर के बच्चे चहकने लगे.......हाजिरी लगाने के बारे में झूठ बोलकर. और गुरु जी को 'फूल' बनाने की कोशिश में लग गए फिर से. नीलम जी बोलिए अब किया होना चाहिए? अगले हफ्ते के लिए कोई और तरकीब सोचिये.
शन्नो (जी )
पूरी क्लास ने हमसे शिकायत की है ,तुम ( आप )उन्हें बहुत चिढा रही हो ,किसी को मेढक किसी को कुछ ,आचार्य जी ने कहा है कि तुम उनकी उलटी सीधी
शिकायत लगाती हो ,और वो तुम्हे इतने प्यार से ड्राइंग (फूल )बना कर देते हैं और तुम लेती नहीं हो ,अगर आइन्दा किसी ने शिकायत कि तो हम तुम्हारी उम्र में २० साल और जोड़ देंगे ,और कितना भी कहो एक साल भी कम नहीं करेंगे ,आचार्य जी को गरम मसाला पिलाती हो चाय में ,उन्होंने हमसे कहा कि वो दूसरे सेक्शन में जाने की चाहत रखते हैं ,अब तुम बताओ बच्चे नहीं होंगे तो फिर मॉनिटर किस बात की होगी इसलिए शिकायत कम और नजर ज्यादा पैनी |(शायद आप आज भी हँस रहीं हैं )
shobha ji se kahiye ki khaali makhan se hum khush nahi hone waale ,pahley is kusti (dimaagi )me bhaag lene ke liye rejistration karwaaiye shanno ji ke paas .huhhuuhuhuhhuuhuhhahahaahahahahahahahhihihihihhihihihihihuhuhuhuhhfhfhfhfhfhfhffhfhfhffhfhfhfhfhfh
सबसे पहले: ही-ही-ही (खिसियानी हंसी)
फिर कहना चाहूंगी: हाय, हाय भलाई का तो जमाना ही नहीं. ये तो झूठ और बेईमानी की हद हो गयी. लगता है मैं एक तरफ और सब एक तरफ हो गए हैं. और नीलम जी आप भी! आपका भी सहारा छीन लिया सबने? सबके मगरमच्छ के आंसू देख कर आप चक्कर में फंस ही गयीं ना? ये पहेली बूझने की कक्षा नहीं बल्कि कबड्डी का मैदान बनता जा रहा है. मैं तो बस नीलम जी, ईमानदारी से अपनी duty करती रही और समय-समय पर सबकी रिपोर्ट देती रही (जिसमे धोखे से आचार्य जी का नाम भी शामिल हो गया था). छुपाने की कोशिश तो बहुत की लेकिन कुछ छात्र पीछे पड़ गये कि 'गुरु जी कहाँ हैं'? तो जबान फिसल गई (धोखेसे) और सचाई सामने आ ही गई. एक ने तो इतना भी कह दिया कि जब छात्र अंतरजाल में फंस कर हाजिरी नहीं दे पाते हैं तो शिकायत होती है. तो फिर गुरु जी की हाजिरी क्यों नहीं लगी? अब आप ही बताइए कि मैं क्या करती? तो कहना पड़ा कि शायद वह फिल्म देखने की छुट्टी ले कर गये हैं. अब क्या कर सकती हूँ:
'छूटा तीर कमान से ना वापस फिर आय
बिन सोचे जो भी किया अब रही पछताय
काश! शोभा जी आकर यहाँ ले-लें मेरी सीट
मैंने तो अब है लिया अपना माथा पीट.'
और रही चाय की बात, तो मैं चाय की recipe आपसे छुपा न सकी, सोचा आप भी शायद आजमाना चाहें. किसी की सीक्रेट recipe बताने का गुनाह किया है मैंने.
'अपनी भूल सुधारि के माँगूं क्षमा की भीख
ठोकर जब लगती तभी हम लेते हैं सीख.
आओ सब मांगें क्षमा गुरु जी हम से रुष्ट हैं
कान पकड़ के कहो: 'हम सब ही दुष्ट हैं(-me)'.
और जहाँ तक अपुन का हिसाब है तो आगे से:
'टर्र-टर्र सबकी सुनो जो भी करता जाय
आँख मूँद कर वही जो तेरे मन को भाय'.
जानकर विशेष प्रसन्नता हुई कि शोभा जी भी पहेलियों की कक्षा में अपना नाम दर्ज कराने आ रही हैं. तो फिर नेक कार्य में देर कैसी? कब आने का बिचार है? वैसे दाखिला शनिवार के पहले ही करा लें तो अच्छा हो. कुछ समय से छात्रायों की मात्रायों में बहुत कमी हो गई हैं. चिंता का विषय है. और गुरु जी से निवेदन है कि आप इस ज्ञान के मंदिर (कक्षा) से दूर न जाएँ, please. हम सब बेसहारे हो जायेंगे.
आप सबकी विनीत
कक्षा- monitor (उर्फ़ कक्षा-police)
हिंद-युग्म की तरफ से एक जरूरी सूचना:
आज का दिन इस पहेली की कक्षा में दाखिला लेने के लिए अति शुभ होता है. ऐसा नीलम जी का मानना है. उन्होंने कहा है कि जो भी बालक या बालिका आज के दिन दाखिला लेगा उसे नीलम जी एक chocolate देंगीं बशर्ते वह दाखिले के लिए लेट न हों. और कुछ नियम व शर्तों के मुताबिक:
१.बालकों की उम्र पर कोई पाबंदी नहीं है और उनकी उम्र पूछना नियमों के खिलाफ है (खासतौर पर बालिकायों की उम्र पूछना, ऐसी नीलम जी की तरफ से सख्त हिदायत है).
२.किसी भी तरह के बालक को admit किया जा सकता है बनिस्बत वह अंतर जाल में फंसा हुआ हो.
३.दाखिले मुफ्त में किये जाते हैं.
४.पहेलियों के उत्तर देना जरूरी होता है, चाहें वह गलत-सलत हों, नक़ल टीप के किये गये हों या मोबाइल पर पता लगाये गए हों.
५. हर बच्चे को अपना पहेली-परिणाम जानने के लिए sunday का इंतज़ार करना होगा. और हर बच्चे की काबिलियत के हिसाब से नीलम जी उसे कोई न कोई पुरुस्कार या खिताब देकर सुशोभित करेंगी.
तो आज के दिन का फायदा उठाइये दाखिला लेने के लिए. देर किस बात की? हम सब इंतज़ार कर रहे हैं. जो बच्चे कक्षा में आना भूल गये हैं वह कृपया फिर से आने का कष्ट करें. गुरु जी बहुत नाराज़ हैं उन सबसे, और नीलम जी को भी बहुत तकलीफ होती है सोचकर कि उन लोगों ने क्यों आना बंद कर दिया है.
आप सभी हिंद-युग्म के पाठकों को आज का दिन मुबारक हो! अलविदा.
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