Monday, June 8, 2009

बगुलों की पांत


बगुलों की पांत !

बगुलों की पांत !

एक, दो ,तीन ,चार ,

पाँच ,छ: ,सात .....

सातों पर फड़काते साथ ,

सातों उड़ते जाते साथ !

सातों बनाते एक लकीर --

आसमान में छूटा तीर |

तीर कहाँ को जाएगा ?

देखें ,कौन बतायेगा !

बगुलों की पांत !

बगुलों की पांत !

एक- दो -तीन -चार- -पाँच- छ:- सात !

हरिवंश राय बच्चन