अपनी आँखें खोलो ,
अपनी आँखें खोलो ,
और देखो जीवन की सच्चाइयाँ
समझो अपने कर्तव्य
अपनी आँखें खोलो ,
और देखो विस्तृत संसार
उसकी सुन्दरता भी ,
जिन्दगी यूँ न बीते इन जंक (विषैले )खानों में
न ही फैलाने सडक पर कचरे में ,
न हम झूठ बोलें कभी ,
और साहस करें सच बोलने में सभी ,
अपने भारत का निर्माण करो
नव निर्माण करो
"प्रदूषण " रुपी राक्षस को ख़तम करो
हरियाली का सपना सच करो
मेरे साथियों (दोस्तों )एक हो जाओ
उठो ,खड़े हो और फिर से जाग जाओ
अपने देश के लिए
जय हिंद
जय भारत
वन्देमातरम
रूपम चोपड़ा की " REAWAKEN "
(जिसे हिंदी में तुम सबके पास लाने की कोशिश की है तुम्हारी नीलम आंटी ने )