सबसे मुश्किल काम क्या है बीरबल?????????
एक दिन बीरबल दरबार में देर से पहुंचे ,पूछने पर उन्होंने बताया कि "जहाँपनाह आज मुझे बच्चों को संभालना पड़ा ।
इसलिए देर हो गयी .अकबर ने बिस्मय से पूछा "यह भी कोई काम हुआ क्या "
बीरबल ने कहा "जहाँपनाह बच्चों को संभालने का काम सबसे कठिन काम है .जब यह काम सर पर आ पड़ता है, तो कोई भी काम समय पर नहीं हो पाता है "
बादशाह बोले ,"बीरबल ,बच्चों को बहलाना तो सबसे आसान काम है उनके हाथ में कोई खाने की चीज या खिलौना पकड़ादो ,और हो जाता है काम "
बीरबल ने कहा हुजूर आपको इन बातों का अनुभव नहीं है इसलिए आपको यह काम आसान लग रहा है ,चलिए मै छोटा बच्चा बनता हूँ आप मुझे बहला के देखिये ,फिर आपको समझ में आएगी मेरी बात ।
बादशाह तुरंत राजी हो गए ।
बीरबल छोटे बच्चे की तरह जोर -जोर से रोने लगे -"अब्बा हमे दूध चाहिए "
बादशाह ने फ़ौरन दूध मंगवा दिया
दूध पीने के बाद बीरबल ने कहा अब हमे गन्ना चूसना है ।
बादशाह ने गन्ना मंगवाया और छोटे -छोटे टुकड़े करवा दिए .बीरबल ने उसे छुआ तक नहीं और रोते ही रहे .रोते रोते बोले हमे तो पूरा गन्ना चाहिए .बादशाह ने दूसरा गन्ना मंगवाया .मगर बच्चा बने बीरबल रोते ही रहे "यह गन्ना मुझे नहीं चाहिए मुझे तो पहले वाला गन्ना ही पूरा चाहिए ,कहते हुए बीरबल जोर -जोर से रोने लगे ।
यह सुनकर बादशाह झल्ला उठे और बोले -"बकवास मत कर ,चुपचाप चूस ले ,कटा हुआ गन्ना अब कैसे पूरा हो
सकता है ."
नहीं मुझे तो पूरा गन्ना वो वाला ही चाहिए ।
बादशाह क्रोधित होकर बोले है कोई इसे ले जाओ यहाँ से ।
बीरबल हस पड़े ।
बादशाह को स्वीकारना पड़ा कि बच्चों को संभालना वास्तव में सबसे मुश्किल काम है ।
संकलन
(नीलम मिश्रा)
(चित्र गूगल से साभार )
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6 पाठकों का कहना है :
its true ki bachcho ko sambhalna mushkil hai but its not so tough, bas bachcho ko sambhalne ke liye dimag ka nahi dil ka istemal kiya jaye.....
bachche to sirf pyar or dil ki bhasha samajhte hai........
देखिये नीलम जी, हमें आपके ये अकबर बीरबल वाले चुटकुले बड़े अच्छे लगते हैं..कमाल की जोड़ी रही होगी दोनों की..एक तो बोर होता था की कैसे उसका टाइम पास हो..वो थे अकबर महोदय..और दूसरे को अपनी रोजी-रोटी की पड़ी रहती थी..वो थे बिचारे बीरबल...करते भी क्या ? अपने दिमाग को खंगालते रहते होगें की किस तरह अकबर के लिए नये-नये तरह के चुटकुले सोचते रहें और उन्हें व्यस्त रखें...तो वह भी दरबार में अपनी पोजीशन पर बरक़रार रहें..लेकिन अब उनके ही चुटकुलों से हम सबका भी अच्छा ख़ासा मनोरंजन होता है, है ना ? और साथ में शिक्षाप्रद भी होते हैं..बस इसी तरह आप अपना और हमारा मनोरंजन करती रहें...वैसे वो मेरी कविता कहाँ गयी जिसे आपने गाने के रूप में गाना था, जो २६ जनवरी के लिए भेजी थी..
wo gaayi to nahi gayi thi shailesh ke paas hogi ,rakh lete hain agli baar ke liye ,
THEEK HAI..MERA MATLAB KAVITA SE HAI..
bilkul sahi hai
bachchhon ko sambhalana koi bachchhon ka khel nahee.
nice story.
hi, yeh baat such hai bachcho ko sambhalna bada mushkil kaam hai. well i must say that u wrote this so well.ur new fan if u accept. take care byeeeeeee
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