नौ एकम नौ, नौ दूनी अट्ठारह,
नौ एकम नौ, नौ दूनी अट्ठारह,
नौ एकम नौ,
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डा0अनिल चड्डा,
नौ एकम नौ,
नौ दूनी अट्ठारह,
मुँह धो के आलस,
कर दो नौ दो ग्यारह ।
नौ तीए सत्ताईस,
नौ चौके छत्तीस,
हँस-हँस के करते रहो,
खुशियों की तुम बारिश ।
नौ पंजे पैंतालीस,
नौ छके चौव्वन,
कर लो जो कुछ करना है,
फिर बीत जायेगा जीवन ।
नौ सत्ते त्रेसठ,
नौ अटठे बहतर,
संग बुरे बच्चों का हरदम,
होता ही है बदतर ।
नौ नामे इक्यासी,
नौ दसे नब्बे,
बबलूजी पहाड़े पढ़ कर,
हो गये हक्के-बक्के ।
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डा0अनिल चड्डा,
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