भावी पीढ़ी
प्यारे बच्चों आज हम सब के लिए लायी हैं पूजा आंटी एक प्यारी सी कहानी,पढ़ कर बताओ कैसी लगी और तुमने इस कहानी से क्या सीखा ,हाँ एक बात और तुम चाहो तो हमे लिख कर
भेज सकते हो कि तुम अपना जन्मदिन कैसे मानना चाहते हो ??????
भावी पीढ़ी
"मोहित बेटा!! इधर आइये ."
"जी पापा जी, कहिये."
"बेटा, अगले इतवार को तुम्हारा बर्थडे है, अपने जीवन का पहला दशक पूरा करोगे . तुम अपने सारे दोस्तों को इनवाईट कर लो ."
"पापाजी, इस साल मुझे बर्थडे नहीं मनाना."
"क्यों बेटा, इस साल बर्थडे क्यों नहीं मनाना? किसी ने कुछ कहा तुमसे?"
"नहीं पापाजी, कहा तो नहीं किसी ने कुछ भी..."
"फिर क्या बात है बेटा?"
"पापाजी, हमारी क्लास टीचर ने हमें बताया कि हम लोग देश की भावी पीढ़ी हैं, आने वाले कल में हमें ही देश की भागडोर संभालनी है ."
"हाँ बेटा, यह तो सच है, आने वाले कल में तुम लोगों में से ही कोई देश का प्रधान मंत्री बनेगा और कोई राष्ट्रपति."
"पापाजी, देश को सँभालने की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है ना?"
"हाँ बेटा, देश को सँभालने के लिये व्यक्ति का जिम्मेदार इंसान होना बहुत आवश्यक होता है. पर इस सबका तुम्हारे जन्मदिन से क्या लेना देना?"
"पापाजी, एक सवाल का जवाब और दीजिये प्लीज़."
"कहो.."
"क्या जिम्मेदार होने के लिये बड़ी उम्र होना जरूरी है?"
"नहीं बेटा, ऐसा तो कुछ जरूरी नहीं होता, छोटी उम्र में भी कई लोगों ने बड़े कारनामे किये हैं."
"पापाजी, इसीलिए मैं भी अपना जन्मदिन नहीं मानना चाहता."
"तुम्हे क्या लगता है, अपना जन्मदिन नहीं मनाने से तुम महान हो जाओगे?"
"पापाजी , मुझे महान नहीं जिम्मेदार होना है."
"अच्छा!! हमें भी बताइए कि आप जिम्मेदार कैसे होंगे?"
"आप मेरे बर्थडे के लिये बहुत सा पैसा खर्च करते हैं, उस पैसे को सही जगह पर खर्च करके. पापाजी, हमारे स्कूल के पास रतन चाय वाले के पास एक 7 साल का लड़का काम करता है, उसके पिताजी के पास उसे पढ़ाने का पैसा नहीं है, इस लिये उसे काम करना पड़ता है, और काम करने की वजह से उसे स्कूल जाने का समय नहीं मिलता, क्यों ना हम यह पैसा उसकी पढाई पर खर्च करें? "
"यह सब सोचने के लिये तुम अभी बहुत छोटे हो बेटा, जब तुम बड़े हो जाओ, तब तुम्हारा जो मन करे वही करना, अभी तुम्हारे खेलने के दिन हैं, जन्मदिन मनाने से तुम्हारे सभी दोस्त तुम्हारे लिये ढेर सारे खिलौने लाते हैं, उन सब को देख कर तुम्हे कितनी ख़ुशी मिलाती है, है ना? "
"पापाजी, पिछले साल बर्थडे पर मुझे कितने खिलौने मिले थे...."
"वही तो बेटा, इस साल भी मिलेंगे, जाओ, तुम अपने सभी दोस्तों से कह देना."
"नहीं पापाजी, मैंने अब तक पिछले साल वाले बहुत से खिलौनों को खोला भी नहीं है और इतनी पढाई करनी पड़ती है कि समय भी नहीं मिलता कि सब खिलौनों से खेला जाये. पापाजी, आप यूँ भी मेरा जन्म दिन मनाना चाहते हैं, इस बार कुछ अलग तरह से जन्मदिन मनाईये ना..!! प्लीज़ पापा प्लीज़."
लेखिका
(पूजा अनिल)
फोटो
(दीपक मिश्रा)
(पूजा अनिल)
फोटो
(दीपक मिश्रा)
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