आजाद देश के पंछी हम
प्यारे बच्चों, तो आजादी के दिवस पर आप सबकी स्कूल जाने से छुट्टी है तो मौज करो और खुशियाँ मनाओ लेकिन अपनी आजादी का फायदा कभी इस तरह ना उठाना कि किसी को दुख मिले या तुम्हारे अपने जीवन में परेशानियाँ आयें..हमेशा कोमल भावनायें व नेक इरादों को अपने मन में रखना..किसी की मजबूरियों का मजाक ना उड़ाना..और देखो मैंने आपके लिये एक और कविता लिखी है इस अवसर पर...पढ़कर जरूर बताना इसके बारे में कुछ कहकर...मुझे और नीलम आंटी को भी जरूर याद करना इस दिन...
जय हिंद !
आजाद देश के पंछी हम
आजाद देश के पंछी हम
जय हिंद ! वन्दे मातरम् !
हाँ, आज का दिन छुट्टी का दिन
सुबह-सुबह सो के उठी मुन्नी
बोली मेरी स्कूल से छुट्टी
भैया की कालेज से छुट्टी
पापा की आफिस से छुट्टी
आज सबकी है मौज सारा दिन
हाँ, आज का दिन छुट्टी का दिन
आज खेलेंगें, टीवी देखेंगे
परेड निकलेगी, गाने सुनेंगे
सड़कों पर जलूस निकलेगा
भरत नाट्यम डांस भी होगा
होगी तब ताक धिना-धिन
हाँ, आज का दिन छुट्टी का दिन
आजाद देश के पंछी हम
जय हिंद ! वन्दे मातरम् !
प्राइम मिनिस्टर की स्पीच होगी
पापा डांटेंगे कमरे में चुप्पी होगी
मम्मी किचन में जायेगी
आज वो खीर हलवा खिलायेगी
आसमान में पतंगें उडेंगी अनगिन
हाँ, आज का दिन छुट्टी का दिन
आजाद देश के पंछी हम
जय हिंद ! वन्दे मातरम् !
-शन्नो अग्रवाल
बच्चो, इस कविता को मैंने अपनी आवाज़ भी दी है। सुनकर ज़रूर बताना कि आपलोगों को कैसी लगी?
(चित्र गूगल से साभार)

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