Saturday, June 5, 2010

आठ एकम आठ, आठ दूनी सोलह


आठ एकम आठ,
आठ दूनी सोलह,
संगत बुरी से,
दूर सदा रहना।


आठ तीए चौबीस,
आठ चौके बत्तीस,
आदतें तुम अपनी,
रखना नफीस।

आठ पंजे चालीस,
आठ छेके अड़तालीस,
कपड़े, किताब, बस्ता,
नहीं रखना गलीच।

आठ सत्ते छप्पन,
आठ अट्ठे चौसठ,
मंशा में अपनी,
कभी न लाना खोट।

आठ नामे बहत्तर,
आठ दसे अस्सी,
दोस्त बनो अच्छे,
रहो अच्छे पड़ोसी।

--डॉ॰ अनिल चड्डा

दो एकम दोतीन एकम तीनचार एकम चारपाँच एकम् पाँचछ: एकम छ:सात एकम सात


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5 पाठकों का कहना है :

माधव( Madhav) का कहना है कि -

बहुत अच्छा

kavi kulwant का कहना है कि -

are wah... wah kya prayog hai...khoovsurat..

kavi kulwant का कहना है कि -

are wah... wah kya prayog hai...khoovsurat..

सुनील गज्जाणी का कहना है कि -

naye roop me pahada bhi hum ne seekh liya aur kavita bhi padh li , vakai naya roop accha laga, sahuwad

डॉ० अनिल चड्डा का कहना है कि -

आप सभी को मेरा प्रयोग अच्छा लगा, जान कर मन को अति प्रसन्नता हुई । प्रोत्साहन के लिये धन्यवाद ।

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