नेक बनें इंसान
इक दूजे से प्यार ।
कभी न हो तकरार ।
ले हाथों में हाथ ।
कदम बढें इक साथ ।
इक आंगन के फूल ।
करें न कोई भूल ।
कभी न दो संताप ।
बढ़ता खूब प्रताप ।
पथ प्रगति हो धाम ।
करें देश का नाम ।
रखें सद्व्यवहार ।
अपना हो संसार ।
दूर रहे अभिमान ।
करें बड़ों का मान ।
सीख ज्ञान विज्ञान ।
कर्म करें महान ।
सत्य न्याय की धार ।
यही बनें हथियार ।
देश भक्ति हो राह ।
मर मिटने की चाह ।
ईश्वर दो वरदान ।
नेक बनें इंसान ।

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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6 पाठकों का कहना है :
kavita behad hi saral ,sahaj aur pravabhi bhi hai ,aise hi baal udyaan ko samradh karte rahiye .
nirantar aisi hi kavitaaon ki apekshaa hai aapse .hindi me type n kar paane ke liye chhama chaahti hoon
सरल शब्दों में सटीक बात कहना आप बहुत अच्छी तरह जानते है! अच्छी रचना बहुत-बहुत बधाई!
बहुत बढ़िया
सुन्दर.....
Thanks friends!
आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'
संजिव्सलिल.ब्लोग्स्पोय.कॉम / संजिव्सलिल.ब्लॉग.सीओ.इन
सलिल.संजीव@जीमेल.com
बना रहे हैं शीलवंत, कुलवंत सभी को
स्वर्ग बना पाएंगे हम मिल शीघ्र जमीं को.
भाईचारा हो आपस में नेह प्रेम हो
पाठ आदती कविता सबका कुशल-क्षेम हो.
साधुवाद स्वीकारें कविता मन को भाई
अच्छी कविता लिखी, सलिल की बहुत बधाई.
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