बंदर की दुकान (बाल-उपन्यास पद्य/गद्य शैली में)- 13
बारहवें भाग से आगे.... 13. इतने में इक हाथी आया
13. इतने में इक हाथी आया 
आकर अपना सूंड हिलाया 
अकेलेपन से थक गया हूँ
अब मैं सचमुच पक गया हूँ
लाकर दे दो मुझको हथिनी 
होगी मेरी जीवन संगिनी 
वो हथिनी मैं हाथी राजा 
बजेगा फिर जंगल में बाजा 
बदले में तुम कुछ भी बोलो
जो चाहिए जी भर मुँह खोलो 
पीठ पे अपनी बिठाऊँगा 
जंगल पूरा घुमाऊँगा ।
बंदर करने लगा विचार 
क्या हो हाथी का उपचार 
हथिनी यहाँ कहाँ से आई 
कैसे इसको दूँ विदाई ?
तभी सुनी इक शेर दहाड़ 
हाथी पे ज्यों टूटा पहाड़ 
भागा वहां से हाथी राजा 
याद नहीं अब उसको बाजा।
13. इतने में ही एक हाथी दुकान पर आ पहुँचा और बंदर से कहने लगा-
"बंदर भाई, मैं अकेलेपन से थक गया हूँ, जो तुम मुझको एक हथिनी दे दो तो मैं उस संग ब्याह रचाऊँगा, जंगल में बाजा बजवाऊँगा। वो मेरी रानी होगी और मैं उसका हाथी राजा। बदले में तुम्हें जो चाहिए मुझसे ले लो। चाहो तो तुम्हें अपनी पीठ पर बैठाकर पूरे जंगल की सैर करवा दूंगा।
हाथी की बात सुन बंदर विचारने लगा कि अब इसको कैसे टरकाया जाए, भला दुकान पर हथिनी कहाँ से आई? इतने में एक शेर की दहाड़ सुनाई दी, हाथी पर तो जैसे पहाड़ टूट पड़ा और बैण्ड-बाजा भुला वहाँ से भागने लगा।
चौदहवाँ भाग
 

-YAMINI.gif) आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं। क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं। बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ।
बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ। क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों? अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए। तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया। आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में। एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं। पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।


 बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
 
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3 पाठकों का कहना है :
अच्छा लग रहा है धारावाहिक।
इतने में इक हाथी आया
आकर अपना सूंड हिलाया
अकेलेपन से थक गया हूँ
अब मैं सचमुच पक गया हूँ
लाकर दे दो मुझको हथिनी
होगी मेरी जीवन संगिनी
वो हथिनी मैं हाथी राजा
बजेगा फिर जंगल में बाजा
बदले में तुम कुछ भी बोलो
जो चाहिए जी भर मुँह खोलो
पीठ पे अपनी बिठाऊँगा
जंगल पूरा घुमाऊँगा ।
बंदर करने लगा विचार
क्या हो हाथी का उपचार
हथिनी यहाँ कहाँ से आई
कैसे इसको दूँ विदाई ?
तभी सुनी इक शेर दहाड़
हाथी पे ज्यों टूटा पहाड़
भागा वहां से हाथी राजा
याद नहीं अब उसको बाजा।
सीमा जी गद्द और पद्द शैली में लिखने के लिए आपको बधाई.
Jungle ke sare janvar se mulakat ho rahi hai.
suspence bana hua hai.
Badhayi.
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