कसौटी
कसौटी
एक दिन चाणक्य का एक परिचित उनके पास आया और उत्साह से कहने लगा ,"आप जानते हैं ,अभी अभी मैंने आपके मित्र के बारे में क्या सुना ?"
चाणक्य अपनी तर्क -शक्ति ,ज्ञान और व्यवहार -कुशलता के लिए विख्यात थे .उन्होंने अपने परिचित से कहा ,"आपकी बात मै सुनूँ ,इसके पहले मै चाहूँगा कि आप त्रिगुण परीक्षण से गुजरें
" यह त्रिगुण परीक्षण क्या है ?"
चाणक्य ने समझाया ,"आप मुझे मेरे मित्र के बारे में बताएं इसके पहले अच्छा यह होगा कि जो कहें ,उसे थोडा परख लें ,थोडा छान लें .इसीलिए मै इस प्रक्रिया को त्रिगुण परीक्षण कहता हूँ .इसकी पहली कसौटी है सत्य .क्या यह पक्का है कि जो आप कहने वाले हैं वो सत्य है ? "
"नहीं वह आदमी बोला ,वास्तव में मैंने इसे कहीं सुना था ।"
"ठीक है ".चाणक्य ने विश्लेष्ण किया ."आपको पता नहीं है कि यह बात सत्य है या असत्य .अब हम दूसरा परीक्षण करते हैं । दूसरी कसौटी है अच्छाई .क्या आप मुझे मेरे मित्र की कोई अच्छाई बताने वाले हैं ?"
" नहीं "बल्कि इसके उलट ........."
"तो "चाणक्य ने आगे कहा ,जो आप कहने वाले हैं वो न तो सत्य है ,न ही अच्छा .चलिए तीसरा परीक्षण कर ही डालते हैं ।"
"तीसरी कसौटी है -उपयोगिता .जो आप कहने वाले हैं ,वह क्या मेरे लिए उपयोगी है ?"
"नहींऐसा तो नहीं है
अब चाणक्य ने आखिरी बात कह दी ।
"आप मुझे जो बताने वाले हैं ,वह न सत्य ,न अच्छा और न उपयोगी है ,फिर मुझे बताना क्यों चाहते हैं ?"
शिक्षा -किसी भी सम्प्रेषण को सच ,अच्छाई और उपयोगी -इन्ही तीनों कसौटियों पर ही जांचना -परखना चाहिए
( सम्प्रेषण- बातचीत )
संकलन
नीलम मिश्रा
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5 पाठकों का कहना है :
प्रभावी कथा .आभार आपकी वजह से इतनी सुन्दर ज्ञानवर्धक कहानी पढी
shukriya nirjhar ji
बहुत ही अच्छी और ज्ञानवर्धक रचना...!आभार!!!
बहुत सुन्दर बोधगम्य कथा । नीलम जी बधाई
kahaani achhi hai...
par सम्प्रेषण jaisa mushkil word.. :-(
mujh jaise bachhon ke liye mushkil ho jaata hai.. :-)
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