हितोपदेश 19 - मूर्ख गधा
इक धोबी के पास गधा
करता रहता काम सदा
कपड़े सारे उसके उठाता
और नदी पर छोड़ के जाता
लेता धोबी बहुत सा काम
गधे को न मिलता आराम
न मिलता खाना भर पेट
भूखे पेट ही जाता लेट
हो गया गधा बहुत कमजोर
नहीं रहा था उसमें जोर
पहुँच गया वह मरण किनारे
और अब धोबी मन में विचारे
जो इसका नहीं पेट भरेगा
तो यह भूखा ही मरेगा
आया उसको एक ख्याल
ओढ़ा दी उसे बाघ की खाल
छोड़ दिया उसको आज़ाद
खेतों में फसलों के पास
मिलता उसको पेट भर खाना
मिला हो जैसे कोई खजाना
सारा दिन वह फसलें चरता
भरता पेट और मस्ती करता
कुछ ही दिन में आ गया जोश
सँभल गए गधे के होश
इक दिन खेत का मालिक आया
देख के गधे को वो भरमाया
समझ लिया गधे को बाघ
दूर से देख गया वो भाग
दूजे दिन मालिक फिर आया
साथ मे धनुष-वाण भी लाया
पहने उसने कपड़े काले
ताकि बाघ को भ्रम में डाले
गधा समझ कर बाघ आ जाए
और वो उसको मार गिराए
बैठा छुप कर वृक्ष की डाली
समझा गधे ने है गधी काली
खुश हो देख के भाग के आया
टै-टै करके वो चिल्लाया
जैसे ही गधे की सुनी आवाज़
समझ गया मालिक सब राज
ओढ़ी गधे ने बाघ की खाल
चली किसी ने मुझ संग चाल
आसानी से उसको मारा
मर गया था अब गधा बेचारा

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
2 पाठकों का कहना है :
बहुत सुन्दर सीमा जी कहानियों से बहुत अच्छी कविता बुन लेती हैं बधाई उन्हें
kavita acchi lagi.....
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)