ye to bahut he pyare chitr hai........
waakai,very neatly drawn,deserve the prizes.
abhi dekhti hoon to sochti hoon ki bachon ki soch kitni unchi ho gai hai .dono chitra bahut sunder soch ke sath banaye gayen hai .baki to is kala me nipun manu ji hi batayenge.rachana
कहाँ तो युग्म का..बाल उद्यान का एक हिस्सा थे..कहाँ..अब लिंक मांगना पड़ता है...लव-कुश ..दोनों की ही पेंटिंग्स बहुत सुन्दर हैं....एक ने जमीन का ..तो दुसरे ने आसमान का नजारा बड़ी मेहनत ..बड़ी लगन से उतारा है...दोनों को बधाई..दोनों को ही स्नेह...रचना जी की टिपण्णी देख कर सोच में हैं...के अब तक हमें चित्रकार के रूप में याद किया जाता है....जब के कितना वक़्त हुआ..रंगों की..ब्रुश की..पेन्सिल की..शक्ल देखे..
Enter your email address:
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
4 पाठकों का कहना है :
ye to bahut he pyare chitr hai........
waakai,very neatly drawn,deserve the prizes.
abhi dekhti hoon to sochti hoon ki bachon ki soch kitni unchi ho gai hai .dono chitra bahut sunder soch ke sath banaye gayen hai .baki to is kala me nipun manu ji hi batayenge.
rachana
कहाँ तो युग्म का..बाल उद्यान का एक हिस्सा थे..कहाँ..अब लिंक मांगना पड़ता है...
लव-कुश ..दोनों की ही पेंटिंग्स बहुत सुन्दर हैं....
एक ने जमीन का ..तो दुसरे ने आसमान का नजारा बड़ी मेहनत ..बड़ी लगन से उतारा है...
दोनों को बधाई..
दोनों को ही स्नेह...
रचना जी की टिपण्णी देख कर सोच में हैं...के अब तक हमें चित्रकार के रूप में याद किया जाता है....
जब के कितना वक़्त हुआ..रंगों की..ब्रुश की..पेन्सिल की..शक्ल देखे..
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)