अनुरोध...

प्रिय मित्रो,
बाल-उद्यान में सभी मित्रों के उत्साह प्रदर्शन से प्रसन्नता है। अभी बच्चों के लिये प्रस्तुत की जाने वाली सामग्री सदस्य मित्रों के निश्चित दिवस पर ही उपलब्ध हो पाती है, किंतु निजी व्यस्तता के कारण यदि विलंब हो अथ्वा रचना पोस्ट न की जा सके, तब बाल उद्यान पर आने वाले नियमित पाठकों का उत्साह कम होता है। ऐसे में आग्रह है कि जिन सदस्य मित्रों एवं पाठकों के पास 0 से 13 वर्ष के बच्चों के लिये मौलिक सामग्री है, वे इसे bu.hindyugm@gmail.com पर प्रेषित कर सकते हैं ताकि समय-समय पर उन्हें प्रकाशित किया जा सके।
रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा में - आपका अपना बाल उद्यान।

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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पाठक का कहना है :
बालोपयोगी साहित्य अभी भी अपेक्षित मात्रा में नहीं है ऐसे में हिन्द युग्म का प्रयास
सराहनीय है ।
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