मेरे सपनों का भारत
प्यारे बच्चो,
हर महीने के अंतिम दो-तीन दिनों में हमारा प्रयास है आपकी रचनाओं को भी हिन्द-युग्म के इस मंच पर जगह दी जाय ताकि आपकी रचानात्मकता भी निख़र कर बाहर आ सके। यदि आप भी लिखते हैं तो शर्माना छोड़िये और अपनी रचनाएँ, परिचय व फोटो सहित bu.hindyugm@gmail.com पर भेजिए। बच्चो, इसी कड़ी में आज आपके समक्ष औरंगाबाद, महाराष्ट्र के रौनक पारेख़ अपनी रचना "मेरे सपनो का भारत" लेकर आये हैं। इनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है -
रौनक पारेख़
-: कक्षा :-
दसवीं
-: विद्यालय :-
एस. बी. ओ. ए. पब्लिक स्कूल, औरंगाबाद, महाराष्ट्र
मेरे सपनो का भारत
मेरे भारत में न कोई भुखमरी से मरे
हर नौजवान काम मेहनत से करे
न कभी हिन्दुस्तानी का मन बिके
यहाँ सभी सिर्फ़ अच्छे गुण ही सीखे
यहाँ न हो भ्रष्टाचार का नामोनिशान
प्रगति का पथ सीखे इससे हर बेईमान
यहाँ का सैनिक करे दुश्मन को लहूलुहान
न कभी करे अपनी जान कुरबान
गरीबी अशिक्षा से मिले इसे छुटकारा
चमके हर बालक बनकर एक सितारा
कभी न बैठे कोई युवा यहाँ बेकार
यहाँ भी हो नौकरियों की भरमार
मेरा भारत बन जाते पृथ्वी का गहना
इसकी उन्नती का क्या कहना
बढ़ती रहे इस गहने की शान
हर हिन्दुस्तानी गर्व से कहे... मेरा भारत महान
- रौनक पारेख़
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20 पाठकों का कहना है :
Raunak :-)... achhi kavita he.....aaj ka vidyarthi bhavishya ka nagrik ..har vidyarthi agar es bhavna ko apna len to sapno ka bharat sakar ruup grahan kar lega... badhaeean..asha he aapka prayas jari rahe.. achhi kavitayon se sabka dil jeete..
sunita...
रौनक आपकी ये रचना सुन्दर है और प्रसन्नता है की आप राष्ट्र की दशा के बारे मे विचार करते है आशा है आप का ये उत्साह बना रहेगा
गरीबी अशिक्षा से मिले इसे छुटकारा
चमके हर बालक बनकर एक सितारा
कभी न बैठे कोई युवा यहाँ बेकार
यहाँ भी हो नौकरियों की भरमार
रौनक,
तुम्हारी उम्र के सामने तुम्हारे विचार बहुत उँचे हैं। हार्दिक प्रसन्नता होती है जब आने वाली पीढी के एसे विचार दृष्टिगोचर होते हैं। अगर आप यह स्वप्न देख रहे हैं तो यकीन मानिये कल का भारत स्वर्णिम है...
मेरा भारत बन जाते पृथ्वी का गहना
इसकी उन्नती का क्या कहना
बढ़ती रहे इस गहने की शान
हर हिन्दुस्तानी गर्व से कहे... मेरा भारत महान
कविता आप अच्छी कर लेते हैं। बहुत स्नेह।
*** राजीव रंजन प्रसाद
बहुत अच्छी कविता है 'रौनक'। देश के प्रति तुम्हारी संवेदना को देखकर दिल बाग- बाग हो उठा है । लिखते रहो।
रौनक तुम्हारे मन में देश के प्रति ऎसे भाव देखकर मन मुग्ध हो गया। तुम जैसे लोग हीं देश को आगे ले जा सकते हैं। साथ हीं साथ बहुत अच्छी कविता करते हो गुम। तुम्हारी अगली रचना का इंतज़ार रहेगा।
सच में भारत का भविष्य बहुत उज्जवल है बहुत अच्छा लिखा है आपने रौनक आप का ये उत्साह बना रहे,लिखने का भी और इस सपने को सच करने का भी ..बहुत शुभकामनाओं और प्यार के साथ
रंजना
बहुत बढ़िया रौनक!!
यह याद रखें कि यह सपनों का भारत किसी और के नही बल्कि, आपके, मेरे, हमारे कोशिश करने से ही बनेगा। हमें ही बनाना है यह भारत, तो आओ चलें आज से ही कोशिश करें।
शुभकामनाएं
रौनक,
आपके विचार बहुत ऊँचे, साफ़ हैं।
आपसे गुजारिश है कि एक एक शब्द जो आपने कहा वो कभी न भूलें..तो निश्चित तौर पर भारत निश्चिंतता से जी सकता है कि उसके पास आपके जैसा सोचने वाली आगे की पीढ़ी है।
तपन शर्मा
बहुत खूब रौनक!
बहुत अच्छा लिखा है आपने. अपने इन सपनों को साकार करने के प्रति कटिबद्ध रहने की शुभकामनायें!
पुराना गीत याद आ गया -
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है?
मुट्ठी में है तकदीर हमारी,
हमने किसमत को बस में किया है...
अगर इसी तरह की सकारात्मक सोच हमारे नौजवान होते बच्चों में रहेगी तो निश्चित यह देश आगे ही बढेगा। रौनक, तुम्हे बहुत शुभकामनायें।
क्या बात है रौनक! बहुत खुब.
Shabash...bahut achhe...
आपकी कविता पढ़कर बहुत खुशी हुई कि जिस पीढ़ी से राष्ट्रीयता की बात करना बेकार माना जा रहा है, उसी पीढ़ी का एक बालक इतनी सुंदर सोच रखता है। आप अभी से भारत में बेरोजगारी की समस्या पर चिंतिंत हैं तो आगे आने वाले समय में हमारे यहाँ बेरोज़गारी का प्रतिशत ज़रूर कम होगा-
कभी न बैठे कोई युवा यहाँ बेकार
यहाँ भी हो नौकरियों की भरमार
आपका हार्दिक स्वागत है।
बहुत बढिया!
बहुत खूब रौनक!
कम उम्र में भी इतने सुंदर विचार! निश्चय ही भारत का भविष्य उज्ज्वल है।
बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ!!!
raunak tumhhe padh kar aanad aaya , behad acha laga aage bhi prayaas jaari rakhna,
वाह रौनक इतनी छोटी उम्र में बहुत सुन्दर लिखते है आप...हमारी शुभ-कामनायें सदैव आपके साथ है आशा है करते है आप एसे ही सदा लिखते रहें...
सुनीता(शानू)
hiii raunak : very good dear. agar aap jesse har bacche or badee yahi sochne lage to baat hi kya hai. lage rahoo raunak bhai. ha ha ha .
bura na manna dear majak kar raha tha wesse bahut aaccha likte ho par iske sath padai bhi jaror karte rehna.
गरीबी अशिक्षा से मिले इसे छुटकारा
चमके हर बालक बनकर एक सितारा
कभी न बैठे कोई युवा यहाँ बेकार
यहाँ भी हो नौकरियों की भरमार
बहुत खूब रौनक ....बेटा आप सचमुच काफी आदर्श बच्चे हो यह आप की सोच बताती है ...आप की कविता से भी सुन्दर है आप की कविता का विषय जो हमें पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की रचना ''मेरे सपनो का भारत'' की याद दिलाती है ....KEEP IT UP ..लिखते रहो और अपने साथियों को भी इसके प्रति उत्साहित करो ...क्योंकि विचारों का आदान- प्रदान बहुत ही आवश्यक है जो सिर्फ लेखनी के माध्यम से ही संभव है ...
ye kavita bahut hi sundar shabdo mein likhi gayi hai . is kavita mein lekhak ne apne bahrat ke prati apna prem jhalkaya hai . ye kavi ek din bahut bbada desh bhakt banega
all the best to you my friend
rabindranathtagoge
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