गुड़िया आई
अंग्रेजी के छोटे-छोटे शब्दों से परिचित कराने के लिये भी हिन्दी कविता कारगर हो सकती है। इसका कारण यह है कि कविता के बोल चूंकि हिन्दी के हैं बच्चों को सुग्राह्य हो जाते हैं, जिसके कारण उन्हें न केवल अंग्रेजी के शब्दों के अर्थ समझने में मदद मिलती है अपितु उनके लिये पढाई, आनंद का विषय भी हो जाती है। मेरा एक एसा ही प्रयास प्रस्तुत है:
देखो बच्चों ग़ुडिया आई
संग अपने वो खुशियाँ लाई
ग़ुडिया के दो EYES प्यारे
EARS हैं दो न्यारे न्यारे
एक प्यारी सी NOSE है
LIPS दोनों CLOSE है
चूहे जैसी TEETHS है
HAIR देखो BROWN से
दो छोटे से HANDS है
HANDS में FINGERS, CROWN से
ग़ुडिया के दो LEGS है
जिनसे वो उधम मचाती है
थक के फिर वो सो जाती है।
देखो बच्चों ग़ुडिया आई
संग अपने वो खुशियाँ लाई
ग़ुडिया के दो EYES प्यारे
EARS हैं दो न्यारे न्यारे
एक प्यारी सी NOSE है
LIPS दोनों CLOSE है
चूहे जैसी TEETHS है
HAIR देखो BROWN से
दो छोटे से HANDS है
HANDS में FINGERS, CROWN से
ग़ुडिया के दो LEGS है
जिनसे वो उधम मचाती है
थक के फिर वो सो जाती है।
-रचना सागर
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
12 पाठकों का कहना है :
रचना जी,
बाल-उद्यान पर यह रचना बहुत सुन्दर प्रयोग है। इस प्रयोग की अहमियत 2.5 से 3.5 वर्ष तक के बच्चों के माता-पिता बेहतर समझ सकेंगे जिन्हें अंग्रेजी शब्दों से अपने बच्चों को परिचित कराने में कठिनाई होती है। यह स्वाभाविक कठिनाई है, चूंकि अंग्रेजी हमारी मातृभाषा नहीं है। एसे में हिन्दी कविता के माध्यम से अंग्रेजी शब्दों से बच्चों को परिचित कराना मैं बहुत अच्छा प्रयास मानता हूँ। आपको बहुत बधाई।
*** राजीव रंजन प्रसाद
अच्छी कोशिश है।
रचना जी!
बच्चों को कविता के माध्यम से भाषा-ज्ञान कराने का आपका प्रयास बहुत अच्छा है. परंतु आजकल तो बच्चों को आँख, कान और नाक से पहले Eyes, Ears और Nose सिखाया जाता है. इसके लिये क्या समाधान है?
रचना जी
कविता पढ़ने में कुछ अजीब लगती है -हिन्दी- अंग्रेजी मिक्स ।
पर जब बच्चों को सिखाना हो तो शायद ठीख ही हो । क्या हम
बच्चों को हिन्दी में ये सब नहीं सिखा सकते?
रचना जी,
प्रयोगिग रूप से छोटे बच्चों के लिये रुचिकर रचना है. बधायी.
ये प्रायोगीक रचना बहुत सुन्दर है मेरा मात्र १ ही सुझाव है की जब हिन्दी के माध्यम से अंग्रेजी शब्दों का परीचय हम करवा रहें है तो अंग्रेजी शब्दों का अर्थ भी कविता मे समाहीत हो तो आच्छा होगा | आपको बहुत बधाई।
रचनाजी,
बाल-उद्यान पर आज आपने बच्चों को कविता के माध्यम से अंग्रेजी सीखाने का अनूठा प्रयोग किया है। मुझे आपका यह प्रयोग बेहद पसंद और उपयोगी भी लगा। बच्चे इस प्रकार से अन्य भाषा के शब्दों को आसानी से ग्रहण कर सकते हैं। इस प्रकार के प्रयोग ज़ारी रखें।
बधाई!!!
रचना जी का तरीका बिल्कुल सही है, हिन्दी शब्द बच्चों को सिखाने में इतनी मुश्किल नहीं होती क्यों कि हमारी बोलचाल की भाषा यही होती है अत: बच्चे हिन्दी शब्द तो डेढ़ दो साल की उम्र में सीख ही जाते हैं, खरी तकलीफ अंग्रेजी शब्दों से होती है।
बहुत अच्छा प्रयोग। बधाई
एक नया प्रयोग…
बेहतरीन…
बिल्कुल बाल सुलभ चंचलता…।
मुझे बाल-उद्यान की हर प्रविष्टि देखकर बहुत खुशी होती है क्योंकि यहाँ जो विविधता देखने को मिल रही है वो किसी भी प्रयास में नहीं है।
रचना जी,
आपकी कोशिशों के लिए मैं इसलिए साधुवाद दूँगा कि आज के बच्चों की भाषा को आपने खूभ पहचाना है।
हिन्दी के माध्यम से अंग्रेज़ी या अंग्रेज़ी के माध्यम से हिंदी,सीखना उद्देश्य है.
मेरी खुशी का कारण विशेषतः यह है कि बच्चों पर दृष्टि गयी है और यही अहम है.
सब लिखें-छोटामोटा-तो अच्छा.
प्रवीण पंडित
बच्चों को कविता के माध्यम से भाषा ..बहुत सुन्दर प्रयोग..अच्छी कोशिश है।रचना जी..बधाई..
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)