Friday, December 12, 2008

हिंद - देश

दुनिया में है सबसे प्यारा ।
हिंद देश है सबसे न्यारा ॥

धरती पर है देश निराला,
जग को राह दिखाने वाला,
कोटि नमन करते इस भू को
ले गोदी सबको है पाला ,

योग अहिंसा, ज्ञान, ध्यान की
बहती पावन निर्मल धारा ।
हिंद देश है सबसे न्यारा ॥

भांत भांत के फूल खिले हैं,
इस धरती के रंग में ढ़ले हैं,
गोरे, काले यां हों श्यामल
दिल के लगते सभी भले हैं,

जप तप पूजा धर्म न्याय की
दिलों में बहती अमृत धारा ।
हिंद देश है सबसे न्यारा ॥

मिलन अनोखा संस्कृति का है,
भाषा, वाणी, बोली का है,
सबको दिल में बसाता देश
ऋषियों, मुनियों, वेदों का है,

सत्कर्मों से, सदभावों से,
मानवता का बना सहारा ।
हिंद देश है सबसे न्यारा ॥

देवों की है महिमा गाता,
हर जन मंदिर मस्जिद जाता,
इस धर्म धरा पर कर्मों से
पुण्य प्रगति की अलख जगाता,

पर्वत, नदियों घाटी ने मिल,
इस भू को है खूब संवारा ।
हिंद देश है सबसे न्यारा ॥

कवि कुलवंत सिंह


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3 पाठकों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

waah kulwant ji,bahut khub.....
ALOK SINGH "SAHIL"

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

:) बहुत सुन्दर राष्ट्र गौरव गान..

धन्यवाद श्रीमान..

Divya Narmada का कहना है कि -

आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'
संजिव्सलिल.ब्लोग्स्पोय.कॉम / संजिव्सलिल.ब्लॉग.सीओ.इन
सलिल.संजीव@जीमेल.com

भारत की महिमा अमित, जो गए हो धन्य.
इससे ज्यादा है नहीं पुन्य कोई भी अन्य.
हब सब मिलकर नित करें माँ का आराधन.
'सलिल' सार्थक जन्म कर सके, उत्तम साधन.

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