29 नवम्बर 2008 को एस.बी.ओ. ए. स्कूल में आयोजित प्रदर्शनी की कुछ झाँकियाँ
मुख्याधापिका श्रीमती सुरेखा माने, अर्चना फडके के मार्गदर्शन से आयोजित इस प्रदर्शनी के बारे में ये कहना उचित होगा कि प्री-प्राईमरी स्तर पर बच्चों को जो भी सिखाया जाता है उसी के आधार पर बच्चों द्वारा बनायी गई/रंगाई गई चीजों का प्रदर्शन किया जाता है। जितनी भी गतिविधियाँ होती हैं उन्हें शिक्षिकाएँ विभिन्न आकार देकर आकर्षक बनाती हैं। हिन्द-युग्म की सुनीता यादव इस स्कूल में अध्यापिका है और इस प्रदर्शनी की कुछ झलकियाँ हमें भेजी हैं।
प्रस्तुत है प्रदर्शनी की कुछ झाँकियाँ...
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4 पाठकों का कहना है :
बहुत प्यारे हैं चित्र....सुनीता जी, आप चुपचाप अच्छा काम किये जाती हैं, ये काबिले-तारीफ है...
सुंदर चित्र...
सुनीता जी..आप इतनी सक्रिय कैसे रहती हैं.. :-)
बाल-चित्रों कि छटा मनोहारी है..
सुनीता जी बहुत बहुत धन्यवाद एवं प्रणाम
विद्यालय के इस कार्यक्रम के जरिये बच्चो के प्रयास सामने लाकर आपने बहुत बढिया काम किया है. जरुरत ये भी है कि बच्चे अपनी रूचि की काम करने की लिए घर और विद्यालय मे खूब प्रोत्साहित किये जाए.
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