Friday, December 26, 2008

हिंद - देश

दुनिया में है सबसे प्यारा ।
हिंद देश है सबसे न्यारा ॥

धरती पर है देश निराला,
जग को राह दिखाने वाला,
कोटि नमन करते इस भू को
ले गोदी सबको है पाला ,

योग अहिंसा, ज्ञान, ध्यान की
बहती पावन निर्मल धारा ।
हिंद देश है सबसे न्यारा ॥

भांत भांत के फूल खिले हैं,
इस धरती के रंग में ढ़ले हैं,
गोरे, काले यां हों श्यामल
दिल के लगते सभी भले हैं,

जप तप पूजा धर्म न्याय की
दिलों में बहती अमृत धारा ।
हिंद देश है सबसे न्यारा ॥

मिलन अनोखा संस्कृति का है,
भाषा, वाणी, बोली का है,
सबको दिल में बसाता देश
ऋषियों, मुनियों, वेदों का है,

सत्कर्मों से, सदभावों से,
मानवता का बना सहारा ।
हिंद देश है सबसे न्यारा ॥

देवों की है महिमा गाता,
हर जन मंदिर मस्जिद जाता,
इस धर्म धरा पर कर्मों से
पुण्य प्रगति की अलख जगाता,

पर्वत, नदियों घाटी ने मिल,
इस भू को है खूब संवारा ।
हिंद देश है सबसे न्यारा ॥

कवि कुलवंत सिंह