अनाथालय में कहानी-कथन की प्रतियोगिता

दिनांक 06-12-2008, दोपहर ४ बजे से ६ बजे तक 'शोभना शिक्षण संस्था' में कहानी कथन की प्रतियोगिता आयोजित की गई. इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को बाल उद्यान की तरफ़ से पुरस्कार प्रदान किए गए . उनकी तस्वीर आप देख सकते हैं ..
1.स्वप्निल तनपुरे
2.संजय मोकले
3.सागर ससाने
स्वप्निल तनपुरे
संजय मोकले
सागर ससाने

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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5 पाठकों का कहना है :
सुनीता जी,
मैं नतमस्तक हूँ। आप बच्चों के लिये क्या कुछ नहीं कर रहीं।
आपको देखकर लगा कि शायद औरंगबाद में अनाथालय रहा होगा। क्या मैं सही हूँ?
इतना अच्छा काम किया है की क्या बताएं .बच्चों की प्रतिभा को सामने लाने का सार्थक प्रयास हुआ है
सभी मेरी तरफ़ से बधाई
सादर
रचना
is saarthak pryaas ke liye haardik badhaaii evam shubhkaamnaayen
सुनीता जी ,इन बच्चों को प्रोत्साहित करने का तरीका नायाब है |हार्दिक
शुभकामनाएं
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