गिलहरी का घर
एक गिलहरी एक पेड़ पर 
बना रही है अपना घर 
देख-भाल कर उसने पाया 
खाली है उसका कोटर|
                               कभी इधर से, कभी उधर से 
                               कुदक-फुदक घर-घर जाती,
                               चिथड़ा-गुदड़ा, सुतली, तागा 
                               ले जाती जो कुछ पाती |
ले जाती मुँह में दाबे 
कोटर में रख-रख आती,
देख बड़ा सामान इकट्ठा 
किलक-किलककर वह गाती |                                            
                           चिथड़े-गुदडे, सुतली, धागे --
                           सब को अन्दर फैलाकर,
                           काट कुतरकर एक बराबर 
                           एक बनाएगी बिस्तर |
फिर जब उसके बच्चे होंगे 
उस पर उन्हें सुलायेगी ,
और उन्हीं के साथ लेटकर 
लोरी उन्हें सुनाएगी 
 
 
--हरिवंशराय बच्चन
 

-YAMINI.gif) आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं। क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
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कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं। बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ।
बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ। क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों? अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए। तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया। आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में। एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं। पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।


 बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
 
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2 पाठकों का कहना है :
कविता पढ़कर मगन हुआ!
चौंका कि हिन्दयुग्म पर
किस महाकवि का आगमन हुआ!
"हरिवंश राय बच्चन" पढ़कर
ठहरी सांस लगी चलने!
'नीलम जी' के इस चुनाव पर
क्या कहने, भई क्या कहने!
इस प्रयास की जितनी तारीफ करूँ कम है
बच्चों को जीना सिखला दे
इस कविता में इतना दम है।
--देवेन्द्र पाण्डेय।
नीलम जी,
हरिवंश राय बच्चन की बाल-कविताएँ भी उनके शेष साहित्य की तरह उम्दा हैं। यह उपलब्ध कराकर आप बहुत नेक काम को अंज़ाम दे रही हैं।
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