बाल उद्यान ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि....

आतंकवादियों के हमले से कई निर्दोष लोग, अधिकारिओं तथा जाँबाजों को देश ने खो दिया है। इन शहीदों की कुर्बानी हम कभी भूल नहीं पाएँगे।
दिनांक ५ दिसम्बर २००८ को हाथों में मोमबत्तियां लिए एन.३ स्पोर्ट्स अकेडमी, औरंगाबाद. के बच्चों ने मारे गए निर्दोष जनता, सजीले सैनिक व वीर अधिकारियों को मौन श्रद्धांजलि दी। एन-३ स्पोर्ट्स अकेडमी के संचालक श्री संदीप जगताप, प्रशिक्षक श्री बी.एम॰ अंबे, पंकज परदेसी, उदय डोंगरे व श्री निवास मोतियेले ने भी मोम बत्ती जलाकर शहीदों के प्रति संवेदना प्रकट की।
इस अवसर पर बाल-उद्यान की गतिविधि प्रमुख श्रीमती सुनीता यादव ने मुम्बई हमले की निंदा करते हुए, शहीदों को अंतर्मन से नमन करते हुए उपस्थित भावी नागरिकों को सच्चाई के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। मैथली शरण गुप्त की 'मनुष्यता' कविता का सार 'जीवन की सार्थकता दूसरों की सहायता करने में है' समझाते हुए भारतीयता को बनाये रखने की बात कही।
कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ-




आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
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कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
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तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
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एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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2 पाठकों का कहना है :
Shaheedo ko hamaaraa bhi naman
सुनीता जी,आप से हमेशा ही ऐसे किसी शुभ कार्य की अपेक्षा रहती है.
अमर शहीदों को नमन.
आलोक सिंह "साहिल"
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